Class 9 Sanskrit Shemushi Chapter 2 स्वर्णकाकः

प्रश्न 1.एकपदेन उत्तर लिखत – (क) माता काम् आदिशत्? (ख) स्वर्णकाक: कान् अखादत्? (ग) प्रासादः कीदृशः वर्तते? (घ) गृहमागत्य तया का समुद्घटिता? (ङ) लोभाविष्टा बालिका कीदृशीं मञ्जूषां नमति? उत्तर: (क) पुत्रीम् (ख) तण्डुलान् (ग) स्वर्णमयः (घ) मञ्जूषा (ङ) बृहत्तमाम् प्रश्न 2.अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत – (क) निर्धनायाः वृद्धायाः दुहिता कीदृशी आसीत्? (ख) बालिकया पूर्व […]

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Class 9 Sanskrit Shemushi Chapter 1 भारतीवसन्तगीतिः

प्रश्न 1.एकपदेन उत्तरं लिखत – (क) कविः कां सम्बोधयति? (ख) कविः वाणी का वादयितुं प्रार्थयति? (ग) कीदृशीं वीणां निनादायितुं प्राथयति? (घ) गीति कथं गातुं कथयति? (ङ) सरसा: रसालाः कदा लसन्ति? उत्तर: (क) वाणीम् (ख) वीणाम् (ग) नवीनाम् (घ) मृदुम् (ङ) वसन्ते प्रश्न 2.अधोलिखितानां प्रश्नानामुत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत – (क) कविः वाणी किं कथयति? (ख) वसन्ते किं

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Class 9 Sanskrit Chapter 12 वाङ्मनःप्राणस्वरूपम्

श्वेतकेतु – हे भगवन्! मैं श्वेतकेतु (आपको) प्रणाम करता हूँ। आरुणि – हे पुत्र! दीर्घायु हो। श्वेतकेतु – हे भगवन्! मैं कुछ पूछना चाहता हूँ? आरुणि – हे पुत्र! आज तुम क्या पूछना चाहते हो? श्वेतकेतु – हे भगवन्! मैं पूछना चाहता हूँ कि यह मन क्या है? आरुणि – हे पुत्र! पूर्णतः पचाए गए

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Class 9 Sanskrit Chapter 11 पर्यावरणम्

प्रकृति सब प्राणियों की रक्षा के लिए प्रयत्न करती है। यह विभिन्न प्रकार से सबको पुष्ट करती है तथा सुख-साधनों से’ तृप्त करती है। पृथ्वी, जल, तेज़, वायु और आकाश ये इसके प्रमुख तत्व हैं। ये ही मिलकर या अलग-अलग हमारे पर्यावरण को बनाते हैं। संसार जिसके द्वारा सब ओर से आच्छादित किया जाता है,

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Class 9 Sanskrit Chapter 10 जटायोः शौर्यम्

1. सा तदा करुणा वाचो विलपन्ती सुदुःखिता। वनस्पतिगतं गृधं ददर्शायतलोचना॥ शब्दार्था:- तदा – तब, करुणा वाचो: – दुख भरी आवाज़ से, विलपन्ती – रोती हुई, सुदुःखिता – बहुत दुखी, वनस्पतिगतम् – वृक्ष पर बैठे हुए को, गृध्रम् – गिद्ध को, ददर्श – देखा, आयतलोचना-बड़ी – बड़ी आँखों वाली। अर्थ – तब करुण वाणी में रोती

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Class 9 Sanskrit Chapter 9 सिकतासेतुः

(इसके बाद तपस्या करता हुआ तपोदत्त प्रवेश करता है) तपोदत्त – मैं तपोदत्त हूँ। बचपन में पूज्य पिताजी के द्वारा क्लेश किए जाने पर भी मैने विद्या नहीं पढ़ी। इसीलिए परिवार के सब सदस्यों, मित्रों और सम्बन्धियों के द्वारा मेरा अपमान किया गया। (ऊपर की ओर साँस छोड़कर) हे प्रभो! मैंने यह क्या किया? उस

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Class 9 Sanskrit Chapter 8 लौहतुला

किसी स्थान पर जीर्णधन नामक एक बनिए का पुत्र था। धन की कमी के कारण विदेश जाने की इच्छा से उसने सोचा- जिस देश अथवा स्थान पर अपने पराक्रम से भोग भोगे जाते हैं वहाँ धन-ऐश्वर्य से हीन रहने वाला मनुष्य नीच पुरुष होता है। उसके घर पर उसके पूर्वजों द्वारा खरीदी गई लोहे से

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Class 9 Sanskrit Chapter 7 प्रत्यभिज्ञानम्

भट – महाराज की जय हो। राजा – तुम्हारी प्रसन्नता अद्भुत-सी लग रही है, बताओ किस कारण इतने प्रसन्न हो? भट – अविश्वसनीय प्रिय प्राप्त हो गया है, अभिमन्यु पकड़ लिया गया। राजा – अब वह किस प्रकार पकड़ लिया गया है? भट – रथ पर पहुँचकर निश्शङ्क भाव से हाथों द्वारा उतार लिया गया

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Class 9 Sanskrit Chapter 6 भ्रान्तो बालः

कोई भ्रमित बालक पाठशाला जाने के समय खेलने के लिए चला गया किंतु उसके साथ खेल के द्वारा समय बिताने के लिए कोई भी मित्र उपलब्ध नहीं था। वे सभी पहले दिन के पाठों को याद (स्मरण) करके विद्यालय जाने की शीघ्रता से तैयारी कर रहे थे। आलसी बालक लज्जावश उनकी दृष्टि से बचता हुआ

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Class 9 Sanskrit Chapter 5 सूक्तिमौक्तिकम्

1. वृत्तं यत्नेन संरक्षेद् वित्तमेति च याति च। अक्षीणो वित्ततः क्षीणो वृत्ततस्तु हतो हतः॥ -मनुस्मृतिः शब्दार्थाः- वित्तम् – धन, ऐश्वर्य, वृत्तम् – आचरण, चरित्र अक्षीणः – नष्ट नहीं होता क्षीणः – नष्ट होना वृत्ततः – आचरण से हतः – नष्ट हो जाना एति – आता है याति – जाता है संरक्षेत् – रक्षा करनी चाहिए

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