महिला को कभी भी कम समझने की मत करना कोई भूल,
समय आने पर अपने परिवार की लिए उठा लेगी त्रिशूल l
नारी को मिलना चाहिए जीवन में उसको उसका संमान,
उसे भी अधिकार है कि पूरे हो जाए अपने सारे अरमान l
घर में खुश यदि नारी है तो समझो पूरा खुश होगा ये संसार,
नारी में ही वो शक्ति है कि वो माँ बन कृपा करती है अपार l
माँ का कर्ज नहीं चुका सकते चाहे हम बन जाएं युवराज,
सारे जग में भी इसका विकल्प नहीं ,ये थी कल ये है आज l
नारी सम्मान बिना नहीं हो सकता परिवार हमारा संयुक्त ,
इसको भी कर देना चाहिए संसार के सारे बंधनों से मुक्त l
सब बातों को जान लो बेशक निकलेगा बस यही निष्कर्ष ,
नारी उत्थान से ही आगे बढ सकेगा महान देश भारतवर्ष l
प्रवीण कुमार हिन्दी प्राध्यापक रा० व० मा० विद्यालय,
मुगलवाली (बिलासपुर) यमुनानगर हरियाणा l