‘अनुच्छेद’ शब्द अंग्रेजी भाषा के ‘Paragraph’ शब्द का हिंदी पर्याय है। अनुच्छेद ‘निबंध’ का संक्षिप्त रूप होता है। इसमें किसी विषय के किसी एक पक्ष पर सीमित शब्दों में अपने विचार व्यक्त किए जाते हैं।अनुच्छेद में हर वाक्य मूल विषय से जुड़ा रहता है। अनावश्यक विस्तार के लिए उसमें कोई स्थान नहीं होता। अनुच्छेद में घटना अथवा विषय से सम्बद्ध वर्णन संतुलित तथा अपने आप में पूर्ण होना चाहिए। अनुच्छेद की भाषा-शैली सजीव एवं प्रभावशाली होनी चाहिए। शब्दों के सही चयन के साथ लोकोक्तियों एवं मुहावरों के समुचित प्रयोग से ही भाषा-शैली में उपर्युक्त गुण आ सकते हैं।इसका मुख्य कार्य किसी एक विचार को इस तरह लिखना होता है, जिसके सभी वाक्य एक-दूसरे से बंधे होते हैं। एक भी वाक्य अनावश्यक और बेकार नहीं होना चाहिए।अनुच्छेद लेखन को लघु निबंध भी कहा जा सकता है। इसमें सीमित सुगठित एवं समग्र दृष्टिकोण से किया जाता है। शब्द संख्या सीमित होने के कारण लिखते समय थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए।
निबंध और अनुच्छेद लेखन में मुख्य अंतर यह है कि जहाँ निबंध में प्रत्येक बिंदु को अलग-अलग अनुच्छेद में लिखा जाता है, वहीं अनुच्छेद लेखन में एक ही परिच्छेद (पैराग्राफ) में प्रस्तुत विषय को सीमित शब्दों में प्रस्तुत किया जाता है। इसके अतिरिक्त, निबंध की तरह भूमिका, मध्य भाग एवं उपसंहार जैसा विभाजन अनुच्छेद में करने की आवश्यकता नहीं होती।अनुच्छेद अपने-आप में स्वतन्त्र और पूर्ण होते हैं। अनुच्छेद का मुख्य विचार या भाव की कुंजी या तो आरम्भ में रहती है या अन्त में। उच्च कोटि के अनुच्छेद-लेखन में मुख्य विचार अन्त में दिया जाता है।
अनुच्छेदों के मुख्य रूप
इसे मख्य रूप से चार भागों में बांटा गया है, जैसे-
- विचार प्रधान अनुच्छेद
- वर्णन प्रधान अनुच्छेद
- भाव प्रधान अनुच्छेद
- कल्पना आधारित अनुच्छेद
प्रमुख विशेषताएँ
- अनुच्छेद किसी एक भाव या विचार या तथ्य को एक बार, एक ही स्थान पर व्यक्त करता है।
- अनुच्छेद के वाक्य-समूह में उद्देश्य की एकता (यूनिटी) रहती है। अप्रासंगिक बातों को नहीं रखा जाता है। अधिक महत्वपूर्ण बातों को ही अनुच्छेद में रखा जाता है।
- अनुच्छेद के सभी वाक्य एक-दूसरे से गठित और सम्बद्ध होते है। वाक्य छोटे तथा एक दुसरे से जुड़े होते हैं।
- अनुच्छेद एक स्वतन्त्र और पूर्ण रचना है, जिसका कोई भी वाक्य अनावश्यक नहीं होता।
- उच्च कोटि के अनुच्छेद-लेखन में विचारों को इस क्रम में रखा जाता है कि उनका आरम्भ, मध्य और अन्त आसानी से व्यक्त हो जाए और किसी को भी समझने में कोई परेशानी न हो।
अनुच्छेद लेखन के लिए मुख्य बातें
- इसमें उदाहरण अथवा चित्रण के लिए कोई स्थान नहीं है, आवश्यकता होने पर उसकी ओर संकेत कर देना ही पर्याप्त है।
- अनुच्छेद में व्यर्थ की बातें उसके प्रभाव को खोखला बनाती हैं।
- इसके सभी वाक्यों का आपस में एक-दूसरे से संबंध होना चाहिए।
- अनुच्छेद की पहली और आखिरी पंक्ति अर्थपूर्ण और आकर्षक होनी चाहिए।
- इसमें भाषा की शुद्धता तथा शब्दों के चयन पर विशेष रूप से ध्यान देना अपेक्षित है मुहावरों तथा लोकोक्तियां का प्रयोग अनुच्छेद को शक्ति प्रदान करता है तथा भावाभिव्यक्ति को प्रभावशाली बना देता है।
- इसमें छात्र को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह अपनी बात को उतने ही शब्दों में बांधने का प्रयत्न करें जितने शब्द प्रश्न पत्र में कहे गए हैं।
- अब परीक्षा में संकेत बिंदुओं के आधार पर अनुच्छेद लेखन करने को कहा जाता है अतः परीक्षार्थियों को चाहिए कि पहले वह संकेत बिंदुओं के भाव को समझें उनमें संबंध बनाए मन ही मन एक क्रम और ले बनाने के बाद उपरोक्त बातों को ध्यान में रखकर अनुच्छेद लिखें।
- सामान्यतः 100-500 शब्दों में अनुच्छेद लिखा जाता है।
- अनुच्छेद लेखन करने से पहले रूपरेखा, संकेत-बिंदु आदि बनानी चाहिए।
- अनुच्छेद में विषय के किसी एक ही पक्ष का वर्णन करें।
- अनुच्छेद लेखन में भाषा सरल, स्पष्ट और प्रभावशाली होनी चाहिए।
- एक ही बात को बार-बार न दोहराएँ।
- अनावश्यक विस्तार से बचें, लेकिन विषय से न भटकें।
- अनुच्छेद लेखन करते समय शब्द-सीमा को ध्यान में रखना चाहिए।
- पूरे अनुच्छेद में एकरूपता होनी अत्यंत आवश्यक है।
- विषय से संबंधित सूक्ति अथवा कविता की पंक्तियों का प्रयोग भी कर सकते हैं।
उदाहरण-
कंप्यूटर:आज की जरूरत पर 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।
मुख्य बिंदु
- कंप्यूटर का परिचय
- कंप्यूटर से होने वाली हानियाँ
- कंप्यूटर की उपयोगिता
कंप्यूटर वास्तव में, विज्ञान द्वारा विकसित एक ऐसा यंत्र है, जो कुछ ही क्षणों में लाखों-करोड़ों गणनाएँ कर सकता है। कंप्यूटर ने मानव जीवन को बहुत सरल बना दिया है। कंप्यूटर द्वारा रेलवे टिकटों की बुकिंग बहुत आसान और समय बचाने वाली हो गई है। आज किसी भी बीमारी की जाँच करने, स्वास्थ्य का पूरा परीक्षण करने, रक्त-चाप एवं ह्रदय गति आदि मापने में इसका भरपूर प्रयोग किया जा रहा है। रक्षा क्षेत्र में प्रयुक्त उपकरणों में कंप्यूटर का बेहतर प्रयोग उन्हें और भी उपयोगी बना रहा है। आज हवाई यात्रा में सुरक्षा का मामला हो या यान उड़ाने की प्रक्रिया, कंप्यूटर के कारण सभी जटिल कार्य सरल एवं सुगम हो गए हैं। संगीत हो या फ़िल्म, कंप्यूटर की मदद से इनकी गुणवत्ता को सुधारने में बहुत मदद मिली है। कंप्यूटर से कुछ हानियाँ भी हैं। कंप्यूटर पर आश्रित होकर मनुष्य आलसी प्रवृत्ति का बनता जा रहा है। कंप्यूटर के कारण बच्चे आजकल घर के बाहर खेलों में रुचि नहीं लेते और इस पर गेम खेलते रहते हैं। इस कारण उनका शारीरिक विकास ठीक से नहीं हो पाता। कंप्यूटर आज जीवन की आवश्यकता बन गया है। अतः इसका सही ढंग से प्रयोग कर हम अपने जीवन में प्रगति कर सकते हैं।