• ये तुलसी के समकालीन थे |
  • इन्होने अनंतानंद के शिष्य कृष्णदास पयहारी से दीक्षा ग्रहण की |
  • रामभक्ति में रसिक भावना का समावेश किया |
  • रसिक सम्प्रदाय का प्रवर्तन किया | जिसका आधार ग्रन्थ नाभादास का अष्टयाम है |
  • प्रमुख ग्रन्थ- ध्यानमंजरी, रामभजनमंजरी, उपासना बावनी और पदावली है |
  • स्वयं को जानकी की सखी मानकर अग्रअली नामक काव्य की रचना की |
  • रामभक्ति मार्ग में दाम्पत्य मूलक उपासना लेकर चलने वाले श्रृंगारी भावना के प्रवर्तक अग्रदास है |
  • भाषा-ब्रजभाषा
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