लोंज़ाइनस: काव्य में उदात्त तत्त्व
प्लेटो और अरस्तू के बाद यूनानी काव्यशास्त्र में लोंजाइनस का स्थान अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। उनका समय ईसा की प्रथम या तृतीय सदी के मध्य माना गया है। लोंजाइनस के नाम से जो ग्रन्थ प्रसिद्ध है, उसका यूनानी नाम है पेरि इप्सुस। शताब्दियों की उपेक्षा और विस्मृति के बाद इतावली विद्वान रोबेरतेल्लो ने इसे सन् 1554 […]
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