Class 8 Sanskrit Chapter 13 क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः
(क) सुपूर्णं सदैवास्ति खाद्यान्नभाण्डं नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम्। इयं स्वर्णवद् भाति शस्यैधरेयं क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥1॥ अन्वयः- खाद्यान्नभाण्डं सदैव सुपूर्णं अस्ति। यत्र नदीनां जलं पीयूषतुल्यम् (अस्ति)। इयं धरा शस्यैः स्वर्णवत् भाति। भारतस्वर्णभूमिः क्षितौ राजते। शब्दार्थ- भाण्डम्-पात्र। यत्र-जहाँ। पीयूषतुल्यम्-अमृत के समान। स्वर्णवत्-सोने के समान। शस्यैः-फसलों के द्वारा। धरा-पृथ्वी। क्षितौ-पृथ्वी पर। सरलार्थ-खाद्यान्न के पात्र सदा परिपूर्ण रहते हैं। […]
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