विमान बनाएँ

राघव ! माधव ! सीता ! ललिता! आओ विमान बनाएँ | नीले, विशाल, निर्मल गगन में वायु की सैर करें। उन्नत वृक्षों भवनों को पार करके निश्चय ही आकाश में जाये। हिम युक्त सोपान (सीढ़ी) से चंद्रलोक में प्रवेश करें। शुक्र, चंद्रमा, सूर्य, गुरु आदि सभी ग्रहों की गणना करें। विभिन्न प्रकार के सुंदर तारों […]

विमान बनाएँ Read More »

दसवें तुम हो

एक बार दस बालक स्नान करने के लिये नदी पर गए ।उन्होंने देर तक नदी के जल में स्नान किया।उसके बाद वे सब तैर कर पार चले गए। तब उनके नायक ने पूछा-क्या सभी बालकों ने नदी पार कर ली है? तब किसी बालक ने गिना-एक , दो, तीन, चार, पाँच, छह, सात, आठ, नौ

दसवें तुम हो Read More »

पुष्पों का उत्सव

भारत उत्सव प्रिय देश है।यहाँ कही फसलों का उत्सव होता है, कहीं पशुओं का उत्सव होता है, कहीं धार्मिक उत्सव होता है और कहीं वाहनों का उत्सव होता है।इनमें से ही है।इनमें से ही एक फूलों का उत्सव है।यह “फूल वालों की सैर” इस नाम से प्रसिद्ध है। दिल्ली के महरौली क्षेत्र में अक्टूबर महीने

पुष्पों का उत्सव Read More »

कर्मवीर किसान

चाहे सूर्य तपाए अथवा बादल अत्यधिक जल बरसाए। महिला व पुरुष किसान शीतकाल में भी नित्य क्रियाशील रहते हैं | चाहे गर्मी में शरीर पसीने से तरबतर हो या सर्दी में कम्पायमान | वे दोनों हल और कुदाल से खेत को जोतते हैं। चाहे पैरों में जूते ना हों , शरीर पर कपड़े न हों

कर्मवीर किसान Read More »

खेल मुकाबले

हुमा- तुम सब कहाँ जा रहे हो? इन्द्र- हम सब विद्यालय जा रहे हैं। फेंकन- वहाँ खेल मुकाबले है, हम सब खेलेंगे। रामचरण- क्या मुकाबले केवल लड़कों के लिए ही है? प्रसन्ना- नहीं, लड़कियां भी खेलेंगी। रामचरण- क्या तुम सब एक ही दल टीम में हो?अथवा अलग अलग टीम में? प्रसन्ना- वहाँ लड़कियां और लड़के

खेल मुकाबले Read More »

सूक्तिस्तबक ( अच्छे वचनों का गुलदस्ता)

परिश्रम से ही सारे कार्य सफल होते हैं, इच्छाओं से नहीं। सोए हुए शेर के मुँह में हिरन स्वयं प्रवेश नहीं करते। पुस्तक में पढ़ा हुआ पाठ जो जीवन में साधित (लागू) न किया गया हो उस पढे हुए पाठ से क्या लाभ जो जीवन में सार्थक ना हो। प्रिय वाक्य बोलने से सभी प्राणी

सूक्तिस्तबक ( अच्छे वचनों का गुलदस्ता) Read More »

बगुले का बदला

एक वन में सियार और बगुला रहते थे। उन दोनों में मित्रता थी। एक बार प्रातः सियार बगुले से बोला-”हे मित्र ! कल तुम मेरे साथ भोजन करो (करना) |” सियार के निमंत्रण से बगुला प्रसन्न हो गया। अगले दिन वह भोजन के लिए सियार के निवास पर गया। बुरे स्वभाव वाले सियार ने थाली

बगुले का बदला Read More »

समुद्र का किनारा

समुद्र का किनारा है।यहाँ लोग पर्यटन के लिए आते हैं।कुछ लहरों के साथ खेलते हैं।और कुछ नौकाओं के द्वारा जल की सैर करते हैं।उनमें से कुछ गेंद के द्वारा खेलते हैं।बालिकाएं और बालक रेत से रेत का घर बनाते हैं।बीच बीच में लहरें रेत के घर को बाहर ले जाती है।यह खेल चलता ही रहता

समुद्र का किनारा Read More »

वृक्ष

वन वन में अर्थात हर वनों में वृक्ष निवास करते हैं। वृक्ष वन वन अर्थात् वनों को रचते हैं। शाखाओं रूपी झूले पर बैठे हुए पक्षियों के द्वारा ही वृक्ष कुछ कूजते हैं। साधु लोगों की तरह ही सभी पेड़ निरंतर पवन और जल को पीते हैं। वृक्ष पैरों से पाताल को स्पर्श करते हैं।

वृक्ष Read More »

विद्यालयः

यह विद्यालय हैं। यहाँ छात्र, शिक्षिकाएं और शिक्षक है | यह कंप्यूटर प्रयोगशाला है। ये कंप्यूटर यंत्र है। यह हमारे विद्यालय का बगीचा है | बगीचे में फूल है। हम यहाँ खेलते हैं और पढ़ते हैं। ऋचा- तुम्हारा नाम क्या है प्रणव- मेरा नाम प्रणव है। तुम्हारा नाम क्या है? ऋचा- मेरा नाम ऋचा है।तुम

विद्यालयः Read More »

Scroll to Top