इकाई-6 हिंदी उपन्यास

पं० गौरीदत्त- देवरानी जेठानी लाला श्रीनिवासदास- परीक्षा गुरु प्रेमचंद-गोदान अज्ञेय-शेखर एक जीवनी (भाग-1) हजारी प्रसाद द्विवेदी- बाणभट्ट की आत्मकथा फनीश्वरनाथ रेणु- मैला आँचल यशपाल- झूठा सच अमृत लाल नागर -मानस का हंस भीष्म साहनी-तमस श्री लाल शुक्ल- राग दरबारी कृष्णा सोबती-जिन्दगी नामा मन्नू भंडारी- आपका बंटी जगदीश चन्द्र-धरती धन न अपना

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इकाई-5 हिंदी कविता

पृथ्वीराज रासो-रेवा तट अमीरखुसरो- खुसरो की पहेलियाँ और मुकेरियाँ विद्यापति की पदावली ( संपादक-डा० नरेंद्र झा ) पद 1-25 कबीर ( हजारी प्रसाद द्विवेदी ) पद 160-209 जायसी ग्रंथावली (रामचंद्र शुक्ल) नागमती वियोग कांड सूरदास-भ्रमरगीत सार (रामचंद्र शुक्ल) पद 21-70 तुलसीदास -रामचरितमानस, उत्तर काण्ड बिहारी सतसई-(जगन्नाथ रत्नाकर) दोहा 1-50  घनानं कवित्दत 1-30  कबित्त (विश्वनाथ मिश्र)

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इकाई-4 वैचारिक पृष्ठभूमि

भारतीय नवजागरण और स्वाधीनता आन्दोलन की वैचारिक पृष्ठभूमि हिंदी नवजागरण | खड़ी बोली आन्दोलन| फोर्ट विलियम कालेज भारतेंदु और हिंदी नवजागरण महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिंदी नवजागरण गांधी दर्शन आंबेडकर दर्शन लोहिया दर्शन मार्क्सवाद, मनोविश्लेषणवाद, अस्तित्ववाद, उत्तर आधुनिकतावाद, अस्मितामूलक विमर्श (दलित,स्त्री, आदिवादी एवं अल्पसंख्यक)

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इकाई-3 साहित्यशास्त्र

काव्य के लक्षण, काव्य के हेतु और काव्य प्रयोजन प्रमुख सम्प्रदाय और सिद्धांत-रस,अलंकार, रीति, ध्वनि, वक्रोक्ति और औचित्य रस निष्पत्ति, साधारणीकरण शब्द शक्ति, काव्य गुण, काव्य दोष प्लेटो के काव्य सिद्धांत अरस्तु:अनुकरण सिद्धांत,त्रासदी विवेचन,विरेचन सिद्धांत वुड्सवर्थ का काव्यभाषा सिद्धांत कालरिज: कल्पना और फैंटेसी टी एस इलियट: निर्वैयक्तिकता का सिद्धांत, परम्परा की अवधारणा आई ए रिचर्ड्स:

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इकाई-2 हिंदी साहित्य का इतिहास

हिंदी साहित्य  इतिहास दर्शन  हिंदी साहित्य इतिहास लेखन की पद्धतियाँ तथा प्रमुख इतिहासकार आदिकाल का काल  विभाजन ओर नामकरण आदिकाल की विशेषताएँ एवं साहित्यिक प्रवृत्तियाँ रासो साहित्य, आदिकालीन हिंदी का  जैन साहित्य, नाथ साहित्य, आमिर खुसरो की हिंदी कविता, विद्यापतिऔर उनकी पदावली तथा लौकिक साहित्य भक्तिकाल  भक्ति आंदोलन के उदय के सामाजिक ओर सांस्कृतिक कारण,

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इकाई-1 हिंदी भाषा और उसका विकास

हिंदी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि- प्राचीन आर्य भाषाएँ, मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाएँ- पालि, प्राकृत- शौरसेनी, अर्धमागधी, मागधी,अपभ्रंश ओर उसकी विशेषताएँ, अपभ्रंश अवहट्ट ओर पुरानी हिंदी का सम्बंध, आधुनिक भारतीय आर्यभाषाएँ और उनका वर्गीकरण। हिंदी का भौगोलिक विस्तार:हिंदी की उपभाषाएँ,पश्चिमी हिंदी, पूर्वी हिंदी, राजस्थानी, बिहारी तथा पहाड़ी वर्ग ओर उनकी बोलियाँ। खड़ी बोली , ब्रज और अवधी

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बिहारी लाल (BIHARI LAL)

नाम कविवर बिहारी पिता का नाम केशव राय जन्म  सन् 1603 ईसवी जन्म-स्थान बसुआ-गोविंदपुर (ग्वालियर) भाषा-शैली भाषा – प्रौढ़ प्रांजल, परिष्कृत एवं परिमार्जित ब्रज प्रमुख रचनाएं बिहारी सतसई निधन सन् 1663 ई० साहित्य में स्थान अपनी काव्यगत (भावपक्ष व कलापक्ष) विशेषताओं के कारण हिंदी साहित्य में बिहारी का अद्वितीय स्थान है। जन्मकाल 1603 से 1663

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मतिराम

मतिराम रीति काल के मुख्य कवियों में से एक थे। वे चिंतामणि तथा भूषण के भाई परंपरा से प्रसिद्ध थे। मतिराम की रचना की सबसे बड़ी विशेषता है, उसकी सरलता और अत्यंत स्वाभाविकता। उसमें ना तो भावों की कृत्रिमता है और ना ही भाषा की। भाषा शब्दाडंबर से सर्वथा मुक्त है। भाषा के ही समान

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विद्यापति की पदावली

बिहार के दरभंगा जिले में विपसी गांव में जन्मे विद्यापति (1350 -1450) हिंदी के आदि गीतकार माने जाते हैं |ये तिरहुत के राजा शिव सिंह और कीर्मति सिंह के दरबारी कवि थे| ये शैव सम्मप्धुरदाय के कवि हैं | मधुर गीतों के रचयिता होने के कारण इन्हें अभिनव जय देव के नाम से भी जाना

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