हम्मीर रासो
यह अभी तक एक स्वतंत्र कृति के रूप में उपलब्ध नहीं हो सका है ।अपभ्रंश के “प्राकृत पैंगल” नामक संग्रह ग्रंथ में संगृहीत हम्मीर विषयक 8 छंदों को देख शुक्ल जी ने इसे एक स्वतंत्र ग्रंथ मान लिया था ।प्रचलित धारणा के अनुसार इसके रचयिता शारंगधर माने जाते हैं। परंतु कुछ पदों के आधार पर […]