मुल्ला दाउद

इनका जन्म= 1493 माना गया है असली नाम दाउद था, सूफी होने के कारण मुल्ला की उपाधि नाम में जुड़ गई | इन्हें एक शिक्षक भी माना गया है | इन्हें अप्रमाणिक रूप से रोज शाह तुगलक और अमीर खुसरो के समकालीन माना जाता है | प्रमुख रचना=चंदायन (लोरकथा नाम ड़ा० माताप्रसाद गुप्त ने दिया) नायक […]

मुल्ला दाउद Read More »

मालिक मोहम्मद जायसी

अमेठी के निकट जायस में रहते थे | पिता का नाम= मलिक शेख ममरेज या मलिक राजे अशरफ बचपन में माता-पिता की मृत्यु देखने में कुरूप थे , एक आँख व कान से रहित इसलिए शेर शाह ने इनका मजाक उड़ाया मृत्यु=अमेठी में तीर से, वहीँ समाधि प्रसिद्द सूफी फ़क़ीर=शेख मोहिदी (मुहीउद्दीन) के शिष्य शेरशाह

मालिक मोहम्मद जायसी Read More »

सूफी काव्य

सूफी मत का वैचारिक आधार  इसका और प्रचलित नाम – प्रेममार्गी शाखा, प्रेमाश्रयी शाखा, प्रेमाख्यान काव्य परम्परा,रोमंसिक कथा है इसमें प्रेम तत्व की प्रधानता  मध्यकालीन प्रेमाख्यान ग्रंथों में इसी रोमांस का चित्रण शुक्ल ने इन प्रेमाख्यानों पर फारसी मसनवियों (नायिका का विवाह प्रतिनायक से हो जाता है और नायक आत्महत्या कर लेता है )प्रभाव माना

सूफी काव्य Read More »

अन्य कवि

बावरी साहिबा– जन्म= 1542-1605 बावरी पंथ, एक प्रमुख संत, उच्च कुल की महिला, व्यक्तिगत जीवनी और काव्य के विषय में कोई विशेष जानकारी नहीं, अकबर की समसामयिक संत सदना= जन्म चौदहवीं शताब्दी में, आदि ग्रन्थ में एक पद , एक निष्ठावान भक्त और साधक थे | संत बेनी= जन्म पंद्रहवीं शताब्दी, जानकारी अप्राप्य, आदिग्रंथ में

अन्य कवि Read More »

रज्जबदास( रज्जब अली खां)

जन्म-मृत्यु=1567-1689 जन्म स्थान=सांगानेर (राजस्थान) के प्रसिद्ध पठान परिवार में जाति- मुसलमान गुरु का नाम=दादूदयाल (दादूदयाल की अंगबधू की रचना का श्रेय इन्हीं को जाता है) रचनाएँ- सब्बंगी इनकी कृतियों में बानी और सर्वांगी महत्त्वपूर्ण है उदहारण- धुनि ग्रभे उत्पन्नो, दादू योगेंद्रा महामुनि | वेद सुवाणी कूपजल, दुःखसूँ प्रापति होय | शब्द साखी सरवर सलिल, सुख

रज्जबदास( रज्जब अली खां) Read More »

सुन्दरदास

जन्म-(1596-1689) में जयपुर की राजधानी धौंसा माता-पिता = परमानन्द खंडेलवाल -सती गुरु= छः साल की आयु में दादू दयाल के शिष्य प्रमुख रचनाएँ- (42 रचनाएँ) ज्ञान समुद्र, सुंदर विलास ( भाषा- परिष्कृत ब्रजभाषा) प्रमाणिक संकलन= सुंदर ग्रंथावली (दो भाग) द्वारा-पुरोहित हरिनारायण शर्मा श्रृंगार रस की रचनाओं के विरोधी थे रचनाओं में भक्ति, योग-साधना और नीति

सुन्दरदास Read More »

मलूकदास

इनका जन्म1574 में इलाहबाद में कड़ा नामक गाँव में हुआ | जन्म अकबर के समय और मृत्यु औरंगजेब के समय हुई | इनके पिता का नाम सुन्दरदास खत्री था | इनके गुरु का नाम पुरुषोत्तम है | इनकी प्रमुख रचनाएँ- रत्नखान, ज्ञानबोध, ज्ञान परोछि(अवधी), भक्तवच्छावली, भक्ति विवेक, बारह खड़ी, रामावतार लीला, ब्रजलीला, ध्रुवचरित, सुखसागर, शब्द

मलूकदास Read More »

भक्तिकाल

भक्ति आंदोलन के उदय के सामाजिक ओर सांस्कृतिक कारण, भक्ति आंदोलन का अखिल भारतीय स्वरूप और उसका अंतःप्रादेशिक वैशिष्ट्य भक्ति काव्य की सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, अलवार संत । भक्ति काव्य के प्रमुख सम्प्रदाय ओर उनका वैचारिक आधार , निर्गुण-सगुण कवि और उनका काव्य

भक्तिकाल Read More »

दादूदयाल

धर्मसुधारक, समाज सुधारक और रहस्यवादी कवि जन्म=अहमदाबाद (गुजरात) देश भ्रमण करते हर सांभर में निवास करनेलगे | इनके सम्प्रदाय को “ब्रह्म सम्प्रदाय” या “परब्रह्म सम्प्रदाय” के नाम से भी जाना जाता है | कालान्तर में इसे दादू पंथ की संज्ञा प्रदान की गई | इनके सत्संग का स्थल “अलख दरीखा” नाम से प्रसिद्ध इनके पंथ

दादूदयाल Read More »

नानक

इनका जन्म 1469 में ननकाना में हुआ | इनका जन्म ननकाना के तलवंडी में हुआ था | पिता- कालूचंद , माता-तृप्ता बाल्यकाल में संस्कृत, फारसी, पंजाबी और हिंदी जी शिक्षा प्राप्त हुई | यह सिख धर्म के मूल प्रवर्तक एवं आदि गुरु थे | इनकी पत्नी का नाम सुलक्षणी था जोकि गुरदासपुर के मूलचंद खत्री

नानक Read More »

Scroll to Top