नाभादास
जन्म अनुमानतः 1570 के आस-पास हुआ | तुलसीदास के समकालीन कवि इन्होने भक्तमाल की परम्परा का सूत्रपात किया | इनके गुरु का नाम अग्रदास था | गिर्यसन से इनका उपनाम नारायणदास बताया है | 1585 में ब्रजभाषा में “भक्तमाल” की रचना की | भक्तमाल में 200 कवियों का जीवनवृत्त और भक्ति 316 छ्प्पयों में लिखी […]