भारतेन्दु- भारत दुर्दशा-यथार्थ बोध।

भारत दुर्दशा नाटक नाटक  नाटककार: भारतेंदु हरिश्चंद्र प्रकाशन:  1880ई o  प्रकार:  एक नाट्यरासक  शैली: प्रतीकात्मक व्यंग्यात्मक कुल अंक: 6 विशेषता: यह नाटक भारत की तत्कालीन यथार्थ दशा से परिचित कराता है विषय: हिंदी का पहला राजनैतिक नाटक के पात्र नाटक के पात्र भारत दुर्दैव : देश के  विनाश का मूल आधार, किस्तानी आधा मुसलमानी  वेशधारी भारत: […]

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फणीश्वर नाथ ‘रेणु’

फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ का जन्म 4 मार्च 1921 को बिहार के अररिया जिले में फॉरबिसगंज के पास औराही हिंगना नामक गांव में हुआ था। उस समय वह पूर्णिया जिले में था। लेकिन अब यह अररिया जिले में पड़ता है। फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ की शिक्षा भारत और नेपाल में हुई थी। प्रारंभिक शिक्षा फारबिसगंज तथा अररिया में

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अमृतलाल नागर

जन्म अमृतलाल नागर जी का जन्म 17 अगस्त 1916 ई को गोकुलपुरा, आगरा में एक गुजराती ब्राह्मण परिवार में हुआ। आपके पिता का नाम राजाराम नागर था तथा उनकी माता  का नाम विद्यावती नागर था। आपके पितामह पं. शिवराम नागर 1895 से लखनऊ आकर बस गए थे। आपकी पढ़ाई हाईस्कूल तक ही हुई। उन्होंने 31 जनवरी

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यशपाल जीवन परिचय

जीवन परिचय बिंदु यशपाल जीवन परिचय पूरा नाम यशपाल जन्म 3 दिसम्बर, 1903 जन्म स्थान फ़िरोजपुर छावनी, पंजाब, भारत पहचान उपन्यासकार, कहानीकार अवधि/काल आधुनिक काल में प्रगतिवाद यादगार कृतियाँ झूठा सच, दिव्या जीवन परिचय यशपाल हिंदी के प्रमुख कहानीकारों में से एक हैं। इनका जन्म 3 दिसम्बर 1903 को पंजाब में, फ़ीरोज़पुर छावनी में एक

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जैनेंद्र कुमार का जीवन परिचय तथा उनकी रचनाएं

संक्षिप्त परिचय   नाम जैनेन्द्र कुमार। जन्म 1905 ई. में। जन्म स्थान अलीगढ़ का कौड़ियागंज नामक कस्बा। मृत्यु 24 दिसम्बर, 1988 ई०। प्रमुख रचनाएँ प्रस्तुत प्रश्न, जड़ की बात, परख, फाँसी, ये और वे, भाषा मूलतः चिंतन की भाषा। शैली विचारात्मक, विवरणात्मक, रचनात्मक, भावात्मक, मनोविश्लेषणात्मक। जीवन परिचय  जैनेंद्र कुमार का जन्म अलीगढ़ जिले के कौड़ियागंज

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अरस्तू का विरेचन का सिद्धांत

  प्लेटो ने काव्य पर आरोप लगाया था कि काव्य हमारी वासनाओं का दमन करने की बजाय उन्हें पोषित करता है।अरस्तू ने उत्तर दिया- “काव्य के अनुशीलन और प्रेक्षण से अतिरिक्त मनोविकार विरेचित होकर शमित और परिस्कृत हो जाते है।” अरस्तू मानते हैं कि काव्य मानवीय वासनाओं का दमन नहीं करता, पोषण ही करता है,

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अरस्तू का अनुकरण सिद्धान्त

“अरस्तू मेरी विद्यापीठ का मस्तिष्क है और शेष विद्यार्थी उसके शरीर है।’’ – प्लेटो पाश्चात्य ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में यूनानी विद्वान अरस्तू का स्थान महत्त्वपूर्ण है।अरस्तू महान् यूनानी दार्शनिक प्लेटो (427 ई.पू. से 347 ई.पू.) का शिष्य माना जाता है। इनका स्थितिकाल (384 ई.पू. से 322 ई.पू.) निर्धारित किया जाता है। सिकन्दर महान् ने भी

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आमिर खुसरो की हिन्दी कविता

जीवन परिचय 13वीं शताब्दी के आरंभ में, जब दिल्ली का राजसिंहासन गुलाम वंश के सुल्तानों के अधीन हो रहा था, अमीर सैफुद्दीन नामक एक सरदार मुग़लों के अत्याचार के कारण भागकर भारत आया और एटा के पटियाली नामक ग्राम में रहने लगा। सौभाग्य से सुल्तान शम्सुद्दीन अल्तमश के दरबार में उसकी पहुँच जल्दी हो गई

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Class 6 Chapter-15 Naukar

नौकर प्रश्न 1.आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गांधी जी ने कौन सा काम करवाया और क्यों?उत्तर-आश्रम में गांधी जी ने कॉलेज के छात्रों से गेहूँ बीनने का काम करवाया। उन छात्रों को अंग्रेजी भाषा के ज्ञान पर बड़ा गर्व था। गांधी जी उनके इस अहंकार को तोड़ना चाहते थे। वे यह शिक्षा देना चाहते

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रीतिकाल

(रीतिकाल का अर्थ और नामकरण) सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, रीतिकाल (वर्गीकरण) की प्रमुख प्रवृत्तियाँ (रीतिबद्ध,रीतिसिद्ध,,रीतिमुक्त), रीतिकवियोंका आचार्यत्व, रीतिकाल के प्रमुख कवि और उनका काव्य

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