हिंदी साहित्य का इतिहास (Hindi Sahitya ka Itihas)

आर्यभाषाओं का ऐतिहासिक विकास प्राचीन आर्य भाषाएँ :- इनका समय लगता 2000 ईसा पूर्व से 500 ईसा पूर्व तक माना गया है के अंतर्गत दो स्थितियां शामिल हैं- वैदिक संस्कृति (2000 से1000 ईसा पूर्व) लौकिक संस्कृत (1000 ईसा पूर्व से 500 ई० पू०) मध्यकालीन आर्य  भाषाएं :- इनका का समय 500 ईसा पूर्व से एक […]

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वाक्य संरचना

वाक्य-सार्थक शब्दों या पदों की वह व्यवस्थित व क्रमबद्ध समूह होता है जो किसी पूर्ण अर्थ को व्यक्त करने में सक्षम हो । सार्थक वाक्य की शर्तें आकांक्षा= शब्द एक दूसरे के बिना अर्थ बोधन नहीं कर सकते योग्यता= प्रकट से प्रकट होने वाला अभिप्राय व्याकरण को दृष्टि से बाधित नहीं होना चाहिए । सन्निधि

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संज्ञा, सर्वनाम , विशेषण, क्रिया, कारक, लिंग, वचन

संज्ञा- वह पद जो किसी व्यक्ति, वस्तु, भाव, द्रव्य, समूह,या जाति के नाम को व्यक्त करता है | वाक्य निर्माण से पूर्व संज्ञा पद प्रातिपदिक कहलाता है किन्तु कारक के अनुसार विभक्ति या परसर्ग से जुड़कर यही प्रातिपदिक संज्ञापद कहलाता है | भेद- व्यक्तिवाचक, जातिवाचक संज्ञा (समूहवाचक , द्रव्यवाचक), भाववाचक सर्वनाम-जो शब्द संज्ञा के स्थान

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शब्द व्यवस्था

शब्द= वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं | शब्दों का वर्गीकरण स्रोत के आधार पर = तत्सम ( संस्कृत के समान ) अंग, उपकार, साधु तद्भव ( संस्कृत से थोड़े बदलकर) उच्च= ऊँचा धूम्र= धुँआ देशज ( देशी बोलियों से ) खर्राटा, हिनहिनाना विदेशज ( विदेशी भाषाओँ से ) UGC NET फारसी= नापसंद,

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ध्वनि व्यवस्था

स्वर -ह्रस्व स्वर (मूल स्वर) , दीर्घ स्वर, प्लुत स्वर, संयुक्त स्वर ( ए = अ +इ ) व्यंजन– (क) अवरोध के आधार पर – अन्तः स्थ , उष्म ( संघर्षी ), स्पर्श व्यंजन (ख) उच्चारण के आधार पर – कंठ, तालु, मूर्धा, दन्त, ओष्ठ अल्पप्राण (ऊर्जा ,श्वास या वायु कम मात्र में खर्च होती

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सभ्यता का रहस्य

यह कहानी प्रेमचंद जी द्वारा मार्च 1925 में माधुरी पत्रिका में प्रकाशित हुई | यह कहानी सामजिक पृष्ठ भूमि पर आधारित है | इसमें लेखक अमीर-गरीब और नौकर मालिक के सम्बन्ध वर्णित करता है | यह कहानी वर्तमान परिवेश में भी अत्यंत प्रासंगिक है | जो लोग बुरा काम करने के बाद पर्दा डालने की

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शतरंज के खिलाड़ी

मुंशी प्रेमचंद  द्वारा रचित शतरंज के खिलाड़ी कहानी अक्तूबर 1924  में माधुरी पत्रिका  में प्रकाशित हुई | सन् 1977  में इस कहानी पर प्रसिद्ध फ़िल्म- निर्माता सत्यजीत राय नव फिल्म बनायी थी | यह कहानी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित है | कहानी में लखनऊ के नवाब  वाजिद अली शाह के  शासन काल का वर्णन किया

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बूढी काकी

बूढी काकी प्रेमचंद द्वारा  द्वारा कहानी है | यह  कहानी सन् 1921 में मर्यादा पत्र में प्रकाशित हुई | यह सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पृष्ठभूमि पर आधारित कहानी है | इसमें समाज  की ज्वलंत  और वृद्ध समस्या का यथार्थ चित्रण है | कहानीकार ने इस कहानी के  माध्यम से कथानक का सर्जन  करते हुए मानव  की

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बड़े घर की बेटी

प्रेमचंद जी द्वारा रचित पहली हिंदी की यह पहली कहानी है |इससे पहले वह उर्दू में नवाबराय के नाम से लिखते थे | यह कहानी सामाजिक पृष्ठभूमि पर आधारित है | इस कहानी की नायिका आनंदी है जो की एक उच्च संस्कारी घर की बेटी ( सात लड़कियों में) है जिसके पिता जी (भूप सिंह)

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रानी सारन्धा

प्रेमचंद द्वारा रचित कहानी रानी सारन्धा सन 1950 में जमाना पत्रिका में प्रकाशित हुई थी | यह कहानी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित है |कहानी मेंबुन्देलखंड के अनिरुद्ध सिंह की आन-बान  और शौर्य की गाथा का बखान किया गया है |सारन्धा अनिरुद्ध सिंह की बहन  और ओरछा के प्रतापी राजा राजाचम्पतराय की पत्नी थी |वह एक स्वाभिमानी राजपूत वीरांगना थी |उसने अपने भाई और

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