हिंदी के विविध रूप-
हिंदी खड़ी बोलिसे आधुनिक मानक हिंदी का विकास हुआ है | खड़ी बोली का विकास 19 वीं शताब्दी में हुआ |सबसे पहले अमीर खुसरो ने हिंदी कड़ी बोली में रचना की जिसे निम्न दोहा दर्शाता है- गोरी सोये सेज पर, मुख पर डाले केश | चल खुसरू घर अपने, रेन भई चहूँ देश || मध्यकाल […]
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