अनुच्छेद-लेखन (Paragraph Writing)

‘अनुच्छेद’ शब्द अंग्रेजी भाषा के ‘Paragraph’ शब्द का हिंदी पर्याय है। अनुच्छेद ‘निबंध’ का संक्षिप्त रूप होता है। इसमें किसी विषय के किसी एक पक्ष पर सीमित शब्दों में अपने विचार व्यक्त किए जाते हैं।अनुच्छेद में हर वाक्य मूल विषय से जुड़ा रहता है। अनावश्यक विस्तार के लिए उसमें कोई स्थान नहीं होता। अनुच्छेद में […]

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संवाद लेखन

परिभाषा संवाद – ‘वाद’ मूल शब्द में ‘सम्’ उपसर्ग लगाने से ‘संवाद’ शब्द बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘बातचीत’ है। इसे वार्तालाप भी कहा जाता है। सामान्य रूप से दो लोगों के बीच होने वाली बातचीत को संवाद कहा जाता है। दो लोगों में हुई बातचीत को लिखना संवाद-लेखन कहलाता है। संवाद की विशेषता-संवाद में

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आषाढ़ का एक दिन

मुख्य बिंदु  आषाढ़ का एक दिन नाटक 1958 में प्रकाशित हुआ था। मोहन राकेश की यह प्रथम और सर्वाधिक महत्वपूर्ण नाटक है। सन् 1959 में इस नाटक को सर्वश्रेष्ठ नाटक होने का संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला था। 1971 में ‘मणिकौल’ के निर्देशन में इसपर ‘अषाढ़ का एक दिन’ फिल्म भी बनी जिसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म

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आषाढ़ का एक दिन-मोहन राकेश (पूरा नाटक)

पात्र परिचय अंबिका : ग्राम की एक वृद्धा मल्लिका : वृद्धा की पुत्री कालिदास : कवि दंतुल : राजपुरुष मातुल : कवि मातुल निक्षेप : ग्राम-पुरुष विलोम : ग्राम-पुरुष रंगिणी : नागरी संगिनी : नागरी अनुस्वार : अधिकारी अनुनासिक: अधिकारी प्रियंगुमंजरी: राज कन्या — कवि-पत्नी आषाढ़ का एक दिन-अंक 1 परदा उठने से पूर्व हलका-हलका

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आधे-अधूरे नाटक (मोहन राकेश) का समीक्षात्मक अध्ययन

नाटक का विषय मध्यवार्गीय जीवन की विडंबनाओं का चित्रण पारिवारिक विघटन का चित्रण स्त्री-पुरुष सम्बन्ध का चित्रण नारी की त्रासदी का चित्रण वैवाहिक संबंधों की विडंबना मुख्य बिंदु ‘आधे-अधूरे’ नाटक 1969 में प्रकाशित हुआ था। आधे-अधूरे नाटक का पहली बार ‘ओमशिवपुरी’ के निर्देशन में दिशांतर द्वारा दिल्ली में फरवरी 1969 में मंचन हुआ था। यह

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मोहन राकेश

मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। इनका मूल नाम मदन मोहन उगलानी उर्फ़ मदन मोहन था। इनके पिता वकील होने के साथ-साथ साहित्य और संगीत प्रेमी भी थे। पिता के साहित्य में रूचि का प्रभाव मोहन राकेश पर भी पड़ा। पंजाब विश्वविधालय से उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में

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आधे अधूरे -मोहन राकेश(पूरा नाटक)

का.सू.वा. (काले सूटवाला आदमी) जो कि पुरुष एक, पुरुष दो, पुरुष तीन तथा पुरुष चार की भूमिकाओं में भी है। उम्र लगभग उनचास-पचास। चेहरे की शिष्टता में एक व्यंग्य। पुरुष एक के रूप में वेशान्तर : पतलून-कमीज। जिंदगी से अपनी लड़ाई हार चुकने की छटपटाहट लिए। पुरुष दो के रूप में : पतलून और बंद

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अमीर खुसरो की पहेलियाँ और मुकरियाँ (UGC NET इकाई-5)

अमीर खुसरो प्रथम मुस्लिम कवि थे जिन्होंने हिन्दी शब्दों का खुलकर प्रयोग किया है। वे  पहले व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदी, हिन्दवी और फारसी में एक साथ लिखा।उन्हे खड़ी बोली के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है। वे अपनी पहेलियों और मुकरियों के लिए जाने जाते हैं। सबसे पहले खुसरो ने अपनी भाषा के लिए ‘हिन्दवी’ का उल्लेख

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महाभोज’ (नाटक) मन्नू भंडारी

संक्षिप्त परिचय मन्नू भंडारी को साहित्य जगत में आपका बंटी उपन्यास से प्रसिद्धी मिली । महाभोज नाटक सबसे पहले उपन्यास के रूप में 1979 में प्रकाशित हुआ था। यह नाटक राजनिति पर आधारित यथार्थपरक है। इसी उपन्यास को नाटक के रूप में 1983 में प्रकाशित किया गया। इसका पहला मंचन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय दिल्ली के

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स्कंदगुप्त (नाटक) जयशंकर प्रसाद

पृष्ठभूमि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित ‘स्कन्दगुप्त’ नाटक 1928 में प्रकाशित एक ऐतिहासिक नाटक है। स्कंदगुप्त नाटक में गुप्तवंश के सन् 455 से लेकर सन् 466 तक के 11 वर्षों का वर्णन है। इस नाटक में लेखक ने गुप्त कालीन संस्कृति, इतिहास, राजनीति संधर्ष, पारिवारिक कलह एवं षडयंत्रों का वर्णन किया है। स्कंदगुप्त हूणों के आक्रमण (455

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