निर्गुण भक्ति
ब्रह्म के दो रूप-निर्गुण और सगुण निर्गुण निराकार की भक्ति है इसमें ईश्वर घट-2 में रहता है यह ज्ञानमार्गी है रहस्यवाद भी निर्गुण पर ही आश्रित है यह भक्ति मूर्तिपूजा, कर्मकांड आदि आडम्बरों का विरोध करती है ज्ञान और प्रेम द्वारा एकाकार की प्राप्ति पर बल इसके पहले प्रवर्तक- महाराष्ट्र के नामदेव (13वीं सदी) हैं […]