हिन्दी की बोलियाँ- वर्गीकरण तथा क्षेत्र

हिन्दी की पाँच उपभाषाएँ हैं- पश्चिमी हिन्दी पूर्वी हिन्दी राजस्थानी पहाङी बिहारी पश्चिमी हिन्दी हरियाणवी खड़ी बोली (कौरवी) ब्रजभाषा  कन्नौजी बुन्देली   पूर्वी हिन्दी अवधी  बघेली छत्तीसगढ़ी राजस्थानी मारवाङी जयपुरी मेवाती मालवी पहाङी कुमाउँनी गढ़वाली बिहारी बिहारी हिन्दी  भोजपुरी  मैथिली दक्खिनी हिन्दी  

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पूर्वी हिन्दी

जार्ज ग्रियर्सन ने हिंदी क्षेत्र को दो भागों– पश्चिमी हिंदी और पूर्वी हिंदी में विभाजित किया है। इन्हीं क्षेत्रों में बोली जाने वाली बोलियों को वे हिंदी की बोलियाँ मानते हैं। ग्रियर्सन पूर्वी हिंदी की उत्पत्ति अर्धमागधी अपभ्रंश  से मानते हैं। वहीं धीरेन्द्र वर्मा (हिंदी साहित्यकोश) के अनुसार पूर्वी हिंदी का विकास मागधी अपभ्रंश से

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पश्चिमी हिन्दी

पश्चिमी हिन्दी- शौरसेनी अपभ्रंश से विकसित पश्चिमी हिंदी के अन्तर्गत पाँच बोलियों आती है- हरियाणी, खड़ी बोली, ब्रजभाषा, कन्नौजी और बुन्देली। डॉ. भोलानाथ तिवारी ने पश्चिमी हिंदी के अन्तर्गत दो अन्य बोलियों ताजब्बेकी तथा निमाड़ी को भी स्वीकार किया है। जार्ज ग्रियर्सन ‘कन्नौजी’ को बोली न मानकर ब्रजभाषा की उपबोली मानते हैं, परन्तु उन्होंने जनमत को ध्यान में रखकर

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मानक हिन्दी का भाषा वैज्ञानिक विवरण (रूपगत)

मानक भाषा मानक भाषा मानक का अभिप्राय है- आदर्श, श्रेष्ठ अथवा परिनिष्ठित।मानक भाषा की पहचान यह भी है कि उसका प्रयोग शिक्षित वर्ग के द्वारा अपने सामाजिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक तथा प्रशासनिक कार्यों में किया जाता है।व्याकरणसम्मत परिनिष्ठित रूप मानक भाषा कहलाता है जो विकास की प्रक्रिया से निखरकर प्रयोग करने वालों का माध्यम बन

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28 दिसंबर 2022

  *♨️मुख्य समाचार* *◼️देश में अस्‍पतालों ने कोविड प्रबंधन से जुडी तैयारियों के आकलन के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया* *◼️केंद्र और मणिपुर सरकार ने मणिपुर के उग्रवादी गुट जेलियांग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट के खिलाफ अभियान रोकने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए* *◼️निर्वाचन आयोग ने असम में विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन

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27 दिसंबर 2022

  *♨️मुख्य समाचार* *◼️प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा – भारत को सफलता की ऊंचाई हासिल करने के लिए अतीत के संकीर्ण विचारों से मुक्त होने की जरूरत है* *◼️स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने डॉक्टरों से जनता में कोविड के प्रति भय दूर करने और महामारी की सटीक जानकारी से भ्रांतियां मिटाने का आग्रह किया* *◼️सरकार

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साहित्यिक हिन्दी के रूप में खड़ी बोली का उदय और विकास

खड़ी बोली गद्य के आरम्भिक रचनाकारों में फ़ोर्ट विलियम कॉलेज के बाहर दो रचनाकारों— सदासुख लाल ‘नियाज’ (सुखसागर) व इंशा अल्ला ख़ाँ (रानी केतकी की कहानी) तथा फ़ोर्ट विलियम कॉलेज, कलकत्ता के दो भाषा मुंशियों— लल्लू लालजी (प्रेम सागर) व सदल मिश्र (नासिकेतोपाख्यान) के नाम उल्लेखनीय हैं। भारतेन्दु पूर्व युग में मुख्य संघर्ष हिंदी की

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काव्य भाषा के रूप में ब्रजभाषा का उदय और विकास

“ब्रजभाषा” को अंतर्वेदी के नाम से भी जाना जाता है। पश्चिमी हिन्दी की सर्वाधिक प्रमुख बोली “ब्रजभाषा” है जो इसलिए इतनी महत्त्वपूर्ण हो गई, क्योंकि इसका प्रयोग 600 वर्षों तक साहित्य में होता रहा। यही कारण है कि यह बोली के सीमित क्षेत्र को छोङकर भाषा कही जाने लगी। ब्रज शब्द संस्कृत के ब्रज शब्द

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26 दिसंबर 2022

  *♨️मुख्य समाचार* *◼️प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा – वर्ष 2022 के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में सफलताओं ने विश्व में भारत को विशेष स्थान दिलाया* *◼️राष्ट्र ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती, सुशासन दिवस पर, श्रद्धांजलि अर्पित की* *◼️कोविड की आपात तैयारियों के अन्तर्गत मंगलवार को देश भर में स्वास्थ्य केन्द्रों में मॉक

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DALIT KAVI & KAVITA

रैदास जन्मना दलित है, इसलिए उन्हें पहला दलित कवि कहना तर्क सम्मत इतिहास-सम्मत है।दलित लेखन की शुरूआत 1960 के आसपास मराठी भाषा से होती है।कुछ विद्वान 1914 में ’सरस्वती’ पत्रिका में हीरोडम द्वारा लिखित ’अछूत की शिकायत’ को पहली दलित कविता मानते हैं। कुछ अन्य विद्वान अछूतानन्द को पहला दलित कवि कहते हैं, उनकी कविताएँ 1910

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