- इनका जन्म1574 में इलाहबाद में कड़ा नामक गाँव में हुआ | जन्म अकबर के समय और मृत्यु औरंगजेब के समय हुई |
- इनके पिता का नाम सुन्दरदास खत्री था |
- इनके गुरु का नाम पुरुषोत्तम है |
- इनकी प्रमुख रचनाएँ- रत्नखान, ज्ञानबोध, ज्ञान परोछि(अवधी), भक्तवच्छावली, भक्ति विवेक, बारह खड़ी, रामावतार लीला, ब्रजलीला, ध्रुवचरित, सुखसागर, शब्द (सभी की भाषा ब्रज)
- रचनाओं का विभाजन-1. ज्ञानबोध, ज्ञान परोछि(अवधी), विभवविभूति और रतनखान=योग, ज्ञान, निर्गुण भक्ति, वैराग्य
- 2. भक्ति विवेक और सुखसागर=दार्शनिक विचार
- 3. रामअवतारलीला, ब्रजलीला और ध्रुवचरित= अवतारों और चरित्रों का वर्णन
- 4. भक्तवच्छावली, बारहखड़ी, स्फुट पद, एवं सबद =उपदेशात्मक प्रवृत्ति
- सबसे महत्त्वपूर्ण रचना= ज्ञानबोध
- भाषा=अवधी, ब्रज और संस्कृत, फारसी व अन्य बोलियों से युक्त शब्दों का प्रयोग
उदाहरण
अब तो अजपा जपु मनमेरे | सुर न असुर टहलुआ जेक मुनि गंध्रव हैं जाके चेरे ||
नाम हमारा ख़ाक है, हम खाकी बंदे |खाकहि से पैदा किए अति गाफिल गंदे ||
अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम ||