परिश्रम से ही सारे कार्य सफल होते हैं, इच्छाओं से नहीं। सोए हुए शेर के मुँह में हिरन स्वयं प्रवेश नहीं करते। पुस्तक में पढ़ा हुआ पाठ जो जीवन में साधित (लागू) न किया गया हो उस पढे हुए पाठ से क्या लाभ जो जीवन में सार्थक ना हो। प्रिय वाक्य बोलने से सभी प्राणी संतुष्ट होते हैं। इसलिए प्रिय ही बोलना चाहिए, बोलने में कैसे गरीबी ? निरंतर चलती हुई चींटी सैकड़ों योजन (मील) चली जाती है। अनिरंतर (रुक-रुक के ) चलता हुआ गरुड़ भी एक पद (कदम) नहीं चल पाता। कौआ काला होता है कोयल काली होती है फिर कोयल और कौवे में क्या भेद हैं? वसंत के समय कौआ कौआ होता है। कोयल कोयल होती है |