समुद्र का किनारा है।यहाँ लोग पर्यटन के लिए आते हैं।कुछ लहरों के साथ खेलते हैं।और कुछ नौकाओं के द्वारा जल की सैर करते हैं।उनमें से कुछ गेंद के द्वारा खेलते हैं।बालिकाएं और बालक रेत से रेत का घर बनाते हैं।बीच बीच में लहरें रेत के घर को बाहर ले जाती है।यह खेल चलता ही रहता है।समुद्र के किनारे न केवल पर्यटन के स्थान है।यहाँ मछुआरे भी अपनी जीविका चलाते हैं।
       हमारे देश में बहुत से समुद्र तट है।इनमें से मुंबई-गोवा-कोच्चि-कन्याकुमारी-विशाखापत्तनम-पूरी के तट बहुत प्रसिद्ध है।गोवा-तट विदेशी पर्यटकों के लिए सबसे अधिक रोचनीय है। विशाखापट्टनम का तट विदेशी व्यापार के लिए प्रसिद्ध है।कोच्चि का तट नारियल के फलों के लिए जाना जाता है।मुंबई नगर के जुहू तट पर सभी लोग बेरोक-टोक घूमते हैं।चेन्नई नगर का मेरीना तट देश के सागर तटों में सबसे लंबा है।
      भारत की तीन दिशाओं में समुद्र तट है।इसी कारण भारत देश प्रायद्वीप कहलाता है।पूर्व दिशा में  बंगाल की खाड़ी, दक्षिण दिशा में हिंदमहासागर और पश्चिम दिशा में अरब सागर है। इन तीनों ही सागरों का संगम कन्याकुमारी के तट पर होता है।यहाँ पूर्णिमा को चंद्रोदय और सूर्यास्त एक साथ देखे जा सकते हैं। 
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