कहानी लेखन एक ऐसी विधा है जो हिंदी तथा अंग्रेजी साहित्य को एक अलग पैमाने पर खड़ा करती है। कहानी पढ़ना और सुनना जितना आसान होता है, कहानी लिखना उतना ही कठिन होता है, क्योंकि कहानी एक काल्पनिक घटना होती है, जिसे वास्तविक घटना में परिवर्तित करना होता है, तथा परिवर्तन के समय सभी प्रकार के पात्र व घटनाएं ऐसे होते हैं, कि पाठक को पढ़ने में इंटरेस्ट बना रहे तथा प्रत्येक समय उसके दिमाग में क्लाइमेक्स की तरह के विचार आते रहे।

इस में किसी भी जगह पाठक बोर नहीं होना चाहिए, और कहानी का अंत पूरी कहानी का एक सारांश बिंदु के साथ-साथ एक शिक्षाप्रद भी होनी चाहिए, जिससे पाठक को मनोरंजन तथा शिक्षा दोनों मिल सके, तथा उस कहानी के चित्रण से पाठक के दिमाग में एक अलग चित्र बन सके। आधुनिक समय में बहुत सारे व्यक्ति ऐसे हैं, जो कहानी लिखना चाहते हैं।

कहानी लिखने का उद्देश्य केवल अपनी बात को लिख देना नहीं होता है कहानी लिखने का उद्देश्य होना चाहिए, कि पाठक को कहानी पढ़ने समझने तथा सोचने पर मजबूर कर दें, जैसे ही आप कहानी की शुरुआत करते हैं, पाठक को बिल्कुल ऐसा लगना चाहिए कि इस कहानी में कुछ ना कुछ ऐसा जरूर है जो उसके लिए उपयोगी है, तथा उसे उतना ही इंटरेस्ट भी आना चाहिए, जिससे पाठक पूरी कहानी पड़ता है और कहानी के अंत से वह शिक्षा भी ग्रहण करता है।

कहानी को लिखने में सरल भाषा का प्रयोग किया जाता है, जो बहुत ही मुश्किल है क्योंकि बहुत सारे लोगों का कहना है, “कठिन लिखना बहुत सरल है, लेकिन सरल लिखना बहुत ही कठिन।” यह बात बिल्कुल सत्य है किस तरह लिखना बहुत कठिन होता है, ऐसा सरल की सभी के समझ में आ सके।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • कहानी निश्चित रूप से लिखी जाने वाली कहानी रुचिकर तथा उद्देश्य पूर्ण होती है।
  • कहानी को लिखते समय उसे अलग-अलग भागों में विभक्त किया जाता है, तथा प्रत्येक भाग के अनुसार ही उसमें भाषा शैली व अन्य विभिन्न प्रकार के भाषाओं तथा घटनाओं का वर्णन किया जाता है, तथा अंत में कहानी स्वाभाविक रूप से समाप्त होने वाली होनी चाहिए 
  •  कहानी का लिखने का उद्देश्य तथा कहानी की शिक्षा स्पष्ट होनी चाहिए। कहानी के अंत में पाठक को यह नहीं महसूस होना चाहिए की पूरी कहानी के पश्चात भी उसे कहानी का रस प्राप्त नहीं हो पाया है, अर्थात कहानी अंत में अपने पूरे रस को निचोड़ना चाहिए, कहानी लेखन का एक अभिनय होता है।
  • कहानी लेखन के समय निम्नलिखित बातों का विशेष कर ध्यान देना चाहिए
  • कहानी का आरंभ आकर्षक होना चाहिए।
  • कहानी की भाषा सरल, सरस और मुहावरेदार होनी चाहिए।
  • कहानी की घटनाएँ ठीक क्रम से लिखी जानी चाहिए।
  • कहानी के वाक्य छोटे तथा क्रमबद्ध होने चाहिए।
  • कहानी का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए।
  • कहानी शिक्षाप्रद होनी चाहिए।

कहानी लेखन प्रारूप (Format)

  • शीर्षक
  • शुरुआत
  • चरित्र परिचय
  • प्लॉट
  • क्लाइमेक्स
  • समापन
  • निष्कर्ष

कहानी लेखन की विधियां

  • कहानी की सहायता के आधार पर कहानी लिखना
  • रूपरेखा के सहारे कहानी लिखना
  • अधूरी या अपूर्ण कहानी को पूर्ण करना
  • चित्रों की सहायता से कहानी का अभ्यास करना
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