इतिहास शब्द से सांस्कृतिक एवं राजनीतिक इतिहास का बोध होता है, किन्तु साहित्य भी इतिहास से भिन्न न होकर उससे जुड़ा हुआ है | साहित्य के इतिहास का अर्थ है-देशकाल की सीमाओं में विकसित साहित्य का समग्र रूप से अध्ययन करना |साहित्य की विकास प्रक्रिया के सम्बन्ध में मुख्य सिद्धांत-
तेन-साहित्य की व्याख्या के तिन आधारभूत सूत्र बताए हैं-जाति, वातावरण और क्षण | ये तीनों सूत्र जातीय परम्परा, राष्ट्रीय वातावरण तथा समय विशेष की परिस्थितियों के सूचक हैं |
कालिंगवुड- इतिहास दर्शन का संबंध न तो अपने आप में अतीत से होता है न ही अतीत के बारे में इतिहासकार के विचारों से बल्कि उसका सम्बन्ध इन दोनों के पारम्परिक सम्बन्ध से होता है |
हीगल-इतिहास केवल घटनाओं का अन्वेषण एवं संकलन मात्र नहीं है, अपितु उसके भीतर कार्य-कारण श्रृखला विद्यमान है | किसी राष्ट्र के काव्य का इतिहास वहाँ के धर्म, राजनीति और विज्ञान के इतिहास का सार होता है |काव्य के इतिहास में लेखक को राष्ट्र के उच्चतम लक्ष्य, उसकी क्रमागत दिशा और विकास को देखना अत्यंत आवश्यक है |इससे राष्ट्र का निर्माण होता है |
सारांश- इतिहास दर्शन के अंतर्गत निम्न तथ्यों को समाहित किया जा सकता है-
- साहित्यकार की प्रतिभा और व्यक्तित्व का अध्ययन
- युगीन चेतना का अध्ययन
- साहित्यिक एवं सांस्कृतिक परम्पराओं का अध्ययन
- साहित्यकार की नैसर्गिक प्रतिभा एवं परम्परा का द्वंद्व एवं उसके स्रोत का अध्ययन
- साहित्यकार द्वारा अभीष्ट की प्राप्ति