मिश्रबंधुओं ने अपने ग्रंथ “मिश्रबंधु विनोद” में इस ग्रंथ जा उल्लेख मिलता है।इसके रचयिता नल्हसिंह भाट माने जाते हैं।इसका रचनाकाल 1298 ई० माना जाता है। ड़ा० राजनाथ शर्मा के अनुसार इस कृति में विजय पाल सिंह ओर बंग राजा के युद्ध का वर्णन है। ड़ा० राजबली पाण्डेय के अनुसार इस रचना में रचनाकार ने राजा विजयपाल सिंह ओर बंग के राजा के बीच हुए युद्धों को सजीव रूप में चित्रित किया है।इसमें केवल 42 छंद ही उपलब्ध हैं ।