(क) कस्तूरी जायते कस्मात्?
को हन्ति करिणां कुलम्?
किं कुर्यात् कातरो युद्धे?
मृगात् सिंहः पलायते॥1॥

अन्वयः-
कस्तूरी कस्मात् जायते? मृगात्। कः करिणां कुलं हन्ति? सिंहः। कातरः युद्धे किं कुर्यात्? पलायते।

सरलार्थ-
(प्रश्न) कस्तूरी किससे उत्पन्न होती है? (उत्तर) मृग से। (प्रश्न) कौन हाथियों के समूह को मार डालता है? (उत्तर) सिंह। (प्रश्न) कायर युद्ध में क्या करता है? (उत्तर) भाग जाता है।

(ख) सीमन्तिनीषु का शान्ता?
राजा कोऽभूत् गुणोत्तमः?
विद्वद्भिः का सदा वन्द्या?
अत्रैवोक्तं न बुध्यते॥2॥

अन्वयः-
का सीमन्तिनीषु शान्ता? (सीता)। कः राजा गुणोत्तमः अभूत्? (रामः)। का विद्वद्भिः सदा वन्द्या? (विद्या)। अत्र एव उक्तम् (उत्तरम्), न बुध्यते।

सरलार्थ-
(प्रश्न) नारियों में शान्त कौन हैं? (उत्तर-सीता) । (प्रश्न) कौन राजा उत्तम गुणों वाला हुआ है? (उत्तर-राम)। (प्रश्न) विद्वान् लोगों के द्वारा सदा वन्दनीय कौन है? (उत्तर-विद्या)। (सभी प्रश्नों का) उत्तर यहाँ पर (अर्थात् श्लोक में) ही कह दिया गया है, परन्तु (वह उत्तर साक्षात्) दिखाई नहीं पड़ता है।

(ग) कं सञ्जघान कृष्णः?
का शीतलवाहिनी गङ्गा?
के दारपोषणरताः?
कं बलवन्तं न बाधते शीतम्॥3॥

अन्वयः-
कृष्णः कं सञ्जघान? (कंसम्)। का गङ्गा शीतलवाहिनी? (काशीतलवाहिनी)। दारपोषणरताः के? (केदारपोषणरताः)। शीतं कं बलवन्तं न बाधते? (कम्बलवन्तम्)।

सरलार्थ –
कृष्ण ने किसे मार डाला? कृष्ण ने कंस को मार डाला। कौन गङ्गा ठण्डी धारा वाली है? काशीतल में बहने वाली गङ्गा ठण्डी धारा वाली है। कौन लोग पत्नी के पोषण में लगे हुए हैं? खेत के कार्य में लगे हुए लोग (पत्नी के पोषण में लगे हुए हैं।) ठण्ड किस बलवान् को नहीं सताती है? कम्बलवाले को (ठण्ड नहीं सताती है।)

(घ) वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः
त्रिनेत्रधारी न च शलपाणिः।
त्वग्वस्त्रधारी न च सिद्धयोगी
जलं च बिभ्रन्न घटो न मेघः॥4॥

अन्वयः-
(सः) वृक्षाग्रवासी (अस्ति), न पक्षिराजः। त्रिनेत्रधारी (परम्) शूलपाणिः न (अस्ति)। त्वग्वस्त्रधारी (अस्ति), सिद्धयोगी न। जलं च बिभ्रन् (अस्ति), न घटः, न मेघः (अस्ति)।

सरलार्थ-
(वह) वृक्ष पर रहने वाला है, (परन्तु) पक्षियों का राजा अर्थात् गरुड़ नहीं है। (वह) तीन आँखों वाला है, (परन्तु) शिव नहीं है। (वह) वल्कल वस्त्र धारण करने वाला है, (परन्तु) सिद्ध योगी नहीं है। (वह) जल को (अंदर) धारण करता है, (परन्तु) न घड़ा है और न ही बादल है। उत्तर-नारियल।

(ड) भोजनान्ते च किं पेयम्?
जयन्तः कस्य वै सुतः?
कथं विष्णुपदं प्रोक्तम्?
तक्रं शक्रस्य दुर्लभम् ॥5॥

अन्वयः-
भोजनान्ते किं पेयम्? तक्रम्। जयन्तः कस्य वै सुतः? शक्रस्य। विष्णुपदं कथं प्रोक्तम्? दुर्लभम् ।

सरलार्थ-
भोजन के अन्त में क्या पीना चाहिए? छाछ। जयन्त किसका पुत्र है? इन्द्र का। विष्णु का स्थान (स्वर्ग) कैसा कहा गया है? दुर्लभ।

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