नया विवाह मुझसे प्रेमचंद द्वारा रचित एक बहुत ही सुंदर कहानी है यह कहानी सामाजिक पृष्ठभूमि पर आधारित है कहानी के केंद्र में लाला डंगामल है जिनकी आयु 45 वर्ष है उनकी पत्नी लीला रोग, उपेक्षा और प्रेम के अभाव में प्राण त्याग देती है । देहलोलुप डंगामल आशा नामक युवती से विवाह कर लेते हैं जो उम्र में उनकी पुत्री के समान है । यहाँ लेखक ने एक विडंबना युक्त त्रासद स्थिति को दर्शाया है कि पूर्व पत्नी के मरते ही पुरुष दूसरा विवाह करने में थोड़ी देर भी नहीं लगाते । कम उम्र की आशा से ही विवाह होने ओर जहाँ डंगामल ख़ुशी से फूले नहीं समाते वहीं आशा अपने भाग्य को कोसती है।आशा को रिझाने के लिए कितना यत्न करते हैं उतना ही आशा उनसे दूर होती जाती है ।यह दर्शाकर लेखक ने “जैसे को तैसा” कहावत को सिद्ध किया है कि इतिहास स्वयं को दोहराता है ।डंगामल बहुत प्रयास के बाद भी इस आशा को प्रसन्न नहीं कर पाते और आशा घर के बूढ़े महाराज के बेटे जुगल की ओर आकर्षित हो उठती है ।इस कहानी में लेखक ने अनमेल विवाह के दुष्परिणामों को दर्शाया है ।कहानी की भाषा सहज, सरल, आम बोलचाल की हिंदी, उर्दू , अंग्रेज़ी के शब्दों से युक्त है । शैली मुख्य रूप से वर्णात्मक है । विचारात्मक, चित्रात्मक, व्यंग्यात्मक शैलियों का यथास्थान प्रयोग मिलता है । कहानी का उद्देश्य है समाज में नया विवाह जैसे अनमेल विवाह की पुनरावृत्ति को रोकना है। साथ ही पुरुषों की स्वतंत्र वृत्ति पर लगाम कसना है