प्रश्न 1.
बादलों के आने पर प्रकृति में जिन गतिशील क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है, उन्हें लिखिए।
अथवा
मेघों के आने पर प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन हुए? [CBSE]
उत्तर:
बादलों के आने पर प्रकृति में बढ़ी गतिशीलताएँ निम्नलिखित हैं-

  • हवा बहने लगी।
  • पेड़ झुकने और उठने लगे।
  • आँधी चलने से गलियों में धूल उड़ने लगी।
  • बहती नदी अचानक ठिठक गई।
  • पीपल का पेड़ झुकने लगा।
  • लता पेड़ के पीछे छिपने लगी।
  • क्षितिज पर बिजली चमकने लगी।
  • जोरदार बरसात होने लगी।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं?

  • धूल
  • पेड़
  • नदी
  • लता
  • ताल

उत्तर:

  • धूल – किशोरी लड़की का जो मेहमान के आने की सूचना देने भाग रही है।
  • पेड़ – गाँव के पुरुष।
  • नदी – गाँव की विवाहिता औरतें।
  • लता – नवविवाहिता, जो साल भर से पति का इंतजार कर रही थी।
  • ताल – घर का सदस्य।

प्रश्न 3.
लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
उत्तर:
लता ने अपने पति मेघ को दरवाजे की ओर से देखा, क्योंकि ग्रामीण संस्कृति में नवविवाहिता नायिका अपने मायके वालों की उपस्थिति में अपने पति से बातें नहीं करती है। वह बात करने के लिए, उसे देखने के लिए उत्सुक रहती है, इसलिए ओट से देखती है।

प्रश्न 4.
भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की
(ख) बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूघट सरके।
उत्तर:
(क) भाव-लता रूपी नायिका मेघ रूपी मेहमान से क्षमा माँगते हुए कहने लगी मुझे माफ करना क्योंकि एक साल तक तुम्हारे न आने का मेरे मन में भ्रम बन गया था। अन्य भाव-वर्षा होने से व्याकुल ग्रामवासियों के मन का यह भ्रम मिट गया कि इस साल मेघ नहीं बरसेंगे।
(ख) भाव-नदी में उठती-गिरती लहरें देखकर लगता है कि नदी आने वाले मेघ रूपी मेहमान को पूँघट उठाकर तिरछी नजर से देख रही है। अन्य भाव-गाँव की स्त्रियाँ आते मेहमान को देखने के लिए ठिठक गई और पूँघट उठाकर तिरछी नजर से देखने लगीं।

प्रश्न 5.
मेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए?
अथवा
मेघों के आने पर गाँव में कैसा वातावरण हो गया? [CBSE]
उत्तर:
मेघ रूपी मेहमान के आने से हवा रूपी नवयुवतियाँ प्रसन्न हो उठीं। वे मेहमान के आने की सूचना देने के लिए घर की ओर भागीं। घर की स्त्रियाँ दरवाजे और खिड़कियाँ खोलकर मेहमान को देखने लगीं। पेड़ गरदन उचकाकर देखने लगे। लताएँ पेड़ों की ओट में छिपने लगीं। आकाश में बादल छा गए और बिजली चमकने लगी। थोड़ी ही देर में बादल बरसने लगे।

प्रश्न 6.
मेघों के लिए ‘बन-ठन के, सँवर के आने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर:
बादल काले-काले हुँघराले होते हैं। इनकी सुंदरता देखते ही बनती है। बादलों के बीच कभी सतरंगी इंद्रधनुष दिखता है, जिससे बादलों का सौंदर्य बढ़ जाता है। बादलों के आगमन की सूचना देती या आगवानी करती हवा आई। बादल गाँव में सजे-धजे मेहमान के रूप में आए।

प्रश्न 7.
कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर:
कविता में आए मानवीकरण अलंकार के उदाहरण

  • मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के
  • आगे-आगे नाचती गाती बयार चली,
  • पेड़ झुक कर झाँकने लगे, गरदन उचकाए,
  • आँधी चली, धूल भागी घाघरा उठाए,
  • बाँकी चितवन उठी, नदी ठिठकी
  • बूढे पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की
  • बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
  • हरषायो ताल लाया पानी परातभर के

रूपक अलंकार का उदाहरण
क्षितिज अटारी गहराई

प्रश्न 8.
कविता में जिन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  1. मेहमान के आने पर खुशी छा जाना।
  2. गाँववालों द्वारा मेहमान को उत्सुकतापूर्वक देखना।
  3. बड़ों-बूढ़ों द्वारा स्वागत-सत्कार किया जाना।।
  4. घर के किसी सदस्य द्वारा पानी लाना, हाथ-पाँव धुलवाने का प्रबंध करना।

प्रश्न 9.
कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए। [CBSE]
उत्तर:
कविता में आकाश में बादलों के आने का वर्णन इस प्रकार है-
आकाश में बादल आते ही हवा चलने लगी। हवा के चलने से पेड़ झुकते-उठते हुए प्रतीत होने लगे। आँधी चलने से धूल उड़ने लगी और दरवाजे खिड़कियाँ खुलने लगीं। नदी का बहाव रुक गया, लता पेड़ की ओट में छिपने लगी। आसमान में बादल गहरे हो गए, बिजली चमकी और बरसात होने लगी।

इसी प्रकार गाँव में मेहमान (दामाद) का वर्णन इस प्रकार है-
गाँव में मेहमान को आता देख लड़कियाँ मेहमान के आने की सूचना देने घर की ओर दौड़ पड़ी। गाँव वाले मेहमान को उचक-उंचंककर देखने लगे। स्त्रियाँ दरवाजे-खिड़कियाँ खोलकर उत्सुकता से देखने लगीं। मेहमान के आने पर घर के बुजुर्ग ने राम-जुहार की। घर का कोई युवा थाल में पानी भर लाया। मेहमान की नवविवाहिता पत्नी ने सालभर बाद आने की उससे शिकायत की। दोनों के मन का भ्रम दूर हुआ और उनकी आँखों से आँसू बहने लगे।

प्रश्न 10.
काव्य-सौंदर्य लिखिए
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
उत्तर:
काव्य-सौंदर्य
भाव-सौंदर्य – गाँव में मेघ रूपी बादलों के आने का सजीव चित्रण किया गया है।
शिल्प-सौंदर्य-

  • भाषा आम-बोलचाल के शब्दों से युक्त है जिसमें चित्रात्मकता है।
  • सजे-धजे मेहमान द्वारा बादलों को उपमानित करने से उत्प्रेक्षा अलंकार है।
  • मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के-मानवीकरण एवं अनुप्रास अलंकार है।

प्रश्न 11.
वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर:
वर्षा आने से पूर्व ही आसमान बादलों से ढंक जाता है। बिजली चमकने लगती है। वर्षा होने पर चारों ओर उल्लास का वातावरण छा जाता है। पत्ते धुले-धुले से नज़र आने लगते हैं। बच्चे नहाने के लिए बाहर निकल आते हैं। शीतल हवा चलने चलती है। पेड़ झूम-झूमकर अपनी खुशी प्रकट करते हैं। बादल गरज-गरजकर नगाड़े बजाते हुए प्रतीत होते हैं। दादुर और मोर इस धुन के साथ तान मिलाने लगते हैं। वर्षा बंद होते ही लोग रंग-बिरंगे छाते लेकर निकल पड़ते हैं। बच्चे कागज़ की नाव तैराने के लिए तालाब की ओर चल पड़ते हैं।

प्रश्न 12.
कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग क्यों कहा है? पता लगाइए। [CBSE]
उत्तर:
कवि ने पीपल को ही बुजुर्ग इसलिए माना है क्योंकि पीपल का पेड़ आकार में काफी बड़ा तथा पुराना होता है। यह गाँव के लिए साफ हवा देने के अलावा कल्याणकारी भी होता है।

प्रश्न 13.
कविता में मेघ को ‘पाहुन’ के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि (दामाद) को विशेष महत्त्व प्राप्त है, लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या कारण नज़र आते हैं, लिखिए।
उत्तर:
भारतीय संस्कृति में अतिथि (दामाद) को विशेष महत्त्व प्राप्त है परंतु समय और परिस्थितियाँ बदलने से इस परंपरा में बहुत बदलाव आ गया है। पहले यातायात और संचार के साधन कम होने से मेहमान का प्राय; अपना नहीं हो पाता था और न एक-दूसरे से बात करने, हाल-समाचार जानने का मौका मिल पाता था। इसके अलावा तब लोगों की दिनचर्या इतनी व्यस्त न थी। लोग समय निकालकर आव-भगत करते थे। इसके अलावा बढ़ती महँगाई से भी मेहमान की आतिथ्य परंपरा प्रभावित हुई है।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 14.
कविता में आए मुहावरों को छाँटकर अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
उत्तर:
कविता में आए मुहावरे                                   वाक्य-प्रयोग

  1. सुधि लेना (याद करना)                         तुम काम में इतने डूबे रहते हो कि माँ की सुधि लेने की भी फुर्सत नहीं रह गई है।
  2. गाँठ खुलना (मन का मैल दूर होना)        तुम्हारी बातें सुनकर मेरे मन की गाँठ खुल गई
  3. बाँध टूटना (धैर्य समाप्त होना)               देखो अपने सब्र का बाँध न टूटने दो, यही परिवार के लिए ठीक होगा।
  4. बन-ठन के आना (सज-सँवरकर आना)  शादी में मेहमान बन-उन कर आए हैं।
  5. गरदन उचकाना (उचक कर देखना)      मेहमान को देखने के लिए लड़कियाँ गरदन उचकाने लगीं।

प्रश्न 15:
कविता में प्रयुक्त आँचलिक शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर:
बन-ठन, सँवर, यार, पाहुन, उचकाए, चितवन, जुहार, सुधि, लीन्हीं, ओर, किवार, ताल, परात, अटारी, भरम।

प्रश्न 16.
‘मेघ आए’ कविता की भाषा सरल और सहज है-उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘मेघ आए’ कविता की भाषा प्रवाहमयी, चित्रात्मक, सरल और सजीव है। इसमें शब्दों की क्लिष्टता और जटिलता नहीं है। कवि ने अपनी बात को लोक भाषा में कह दिया है; जैसे-‘मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।’ कविता में आँचलिक शब्दों की बहुलता है। तत्सम शब्द बस नाम मात्र के हैं। जो हैं भी वे आम बोलचाल में प्रचलित हैं। कविता में संवाद ग्रामीणों की जुबान में ही रखे गए हैं; जैसे‘बरस बाद सुधि लीन्हीं’ तथा क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की।’ इस प्रकार हम कह सकते हैं कि इस कविता की भाषा सरल और सहज है।

 

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