प्रश्न 1.
सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे? [CBSE 2008 C; CBSE]
उत्तर:
चश्मेवाला कभी सेनानी नहीं रहा। वह तन से बहुत बूढ़ा और मरियल-सा था। परंतु उसके मन में देशभक्ति की भावना प्रबल थी। वह सुभाषचंद्र का सम्मान करता था। वह सुभाष की बिना चश्मे वाली मूर्ति को देखकर आहत था। इसलिए अपनी ओर से एक चश्मा नेताजी की मूर्ति पर अवश्य लगाता था। उसकी इसी भावना को देखकर ही लोगों ने उसे सुभाषचंद्र बोस का साथी या सेना का कैप्टन कहकर सम्मान दिया। चाहे उसका यह नाम व्यंग्य में रखा गया हो, फिर भी वह ठीक नाम था। वह कस्बे का अगुआ था।

प्रश्न 2.
हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा
(क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?
(ख) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है? [CBSE 2012, 2010]
(ग) हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे? [CBSE 2012]
उत्तर:
(क) हालदार साहब यह जानकर मायूस हो गए थे कि कैप्टन की मृत्यु हो चुकी है। अतः अब उस कस्बे में सुभाष की बिना चश्मे वाली मूर्ति को चश्मा पहनाने वाला कोई न रहा होगा। अब मूर्ति बिना चश्मे के ही खड़ी होगी।
(ख) मूर्ति पर लगा सरकंडे का चश्मा यह उम्मीद जगाता है कि यह धरती देशभक्ति से शून्य नहीं हुई है। एक कैप्टन नहीं रहा, तो अन्य लोग उस दायित्व को सँभालने के लिए तैयार हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि सरकंडे का चश्मा किसी गरीब बच्चे ने बनाया है। अतः उम्मीद है कि ये बच्चे गरीबी के बावजूद भी देश को ऊपर उठाने का प्रयास करते रहेंगे।
(ग) हालदार साहब के लिए सुभाष की मूर्ति पर चश्मा लगाना ‘इतनी-सी बात नहीं थी। यह उनके लिए बहुत बड़ी बात थी। यह बात उनके मन में आशा जगाती थी कि कस्बे-कस्बे में देशभक्ति जीवित है। देश की नई पीढ़ी में देश-प्रेम जीवित है। इस खुशी और आशा से वे भावुक हो उठे।

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प्रश्न 9.
सीमा पर तैनात फ़ौजी ही देश-प्रेम का परिचय नहीं देते। हम सभी अपने दैनिक कार्यों में किसी न किसी रूप में देश-प्रेम प्रकट करते हैं; जैसे- सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुँचाना, पर्यावरण संरक्षण आदि।
अपने जीवन-जगत से जुड़े ऐसे और कार्यों का उल्लेख कीजिए और उन पर अमल भी कीजिए।
उत्तर:
सामान्य जीवन में देश-प्रेम प्रकट करने के कई प्रकार हो सकते हैं। जैसे, पानी को व्यर्थ न बहने देना, बिजली की तबाही को रोकना। इधर-उधर गंदगी न फैलने देना। प्लास्टिक के प्रयोग को रोकना। देशवासियों को देश और समाज का अपमान करने से रोकना। फिल्मवालों और कलाकारों को अपने संतों, ऋषियों और महापुरुषों की मज़ाक करने से रोकना।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित पंक्तियों में स्थानीय बोली का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, आप इन पंक्तियों को मानक हिंदी में लिखिए कोई गिराक आ गया समझो। उसको चौड़े चौखट चाहिए। तो कैप्टन किदर से लाएगा? तो उसको मूर्तिवाला दे दिया। उदर दूसरा बिठा दिया।
उत्तर:
मानो कोई ग्राहक आ गया। उसे चौड़ा फ्रेम चाहिए। कैप्टन कहाँ से लाए? तो उसे मूर्तिवाला फ्रेम दे देता है। मूर्ति पर कोई अन्य फ्रेम लगा देता है।

प्रश्न 11.
‘भई खूब! क्या आइडिया है।’ इस वाक्य को ध्यान में रखते हुए बताइए कि एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आने से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर:
प्रत्येक भाषा दूसरी भाषा से कुछ शब्द उधार लेती है। कई बार दूसरी भाषा के शब्द ऐसे अर्थ और प्रभाव वाले होते हैं कि अपनी भाषा में नहीं होते। जैसे उपर्युक्त वाक्य में दो शब्द हैं-‘खूब’ तथा ‘आइडिया’। ‘खूब’ उर्दू शब्द है। ‘आइडिया’ अंग्रेजी शब्द है। ‘खूब’ में गहरी प्रशंसा का भाव है। यह भाव हिंदी के ‘सुंदर’ या ‘अद्भुत’ में नहीं है। इसी प्रकार ‘आइडिया’ में जो भाव है, वह हिंदी के शब्द ‘विचार’, ‘युक्ति’ या ‘सूझ’ में नहीं है। इससे पता चलता है कि अन्य भाषाओं के शब्द हमारी भाषा को समृद्ध करते हैं। परंतु यदि उनका प्रयोग अनावश्यक हो, दिखावे-भर के लिए हो या जानबूझकर हो तो वे शब्द खलल डालते हैं।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 12.
निम्नलिखित वाक्यों से निपात छाँटिए और उनसे नए वाक्य बनाइए
(क) नगरपालिका थी तो कुछ न कुछ करती भी रहती थी।
(ख) किसी स्थानीय कलाकार को ही अवसर देने का निर्णय किया गया होगा।
( ग ) यानी चश्मा तो था लेकिन संगमरमर का नहीं था।
(घ) हालदार साहब अब भी नहीं समझ पाए।
(ङ) दो साल तक हालदार साहब अपने काम के सिलसिले में उस कस्बे से गुजरते रहे।
उत्तर:
(क) तो-तुमने मुझे जो काम करने को दिया था, वह कर तो दिया। भी-तुम्हारे साथ यह भी चलेगा।
(ख) ही-हमारे देश की रक्षा नौजवानों ने ही की।
(ग) तो-मेरे पास दस्ताने थे तो सही लेकिन मैंने पहने नहीं।
(घ) भी-उस मूर्ख को तुम भी नहीं समझा पाओगे।
(ङ) तक-उसने मेरे कमरे की ओर झाँका तक नहीं।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए
(क) वह अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर फिट कर देता है।
( ख ) पानवाला नया पान खा रहा था।
(ग) पानवाले ने साफ़ बता दिया था।
(घ ) ड्राइवर ने ज़ोर से ब्रेक मारे।
(ङ) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया।
(च) हालदार साहब ने चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया।
उत्तर:
(क) उसके द्वारा अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से नेताजी की मूर्ति पर फिट कर दिया जाता है।
(ख) पानवाले द्वारा नया पान खाया जा रहा था।
(ग) पानवाले द्वारा साफ़ बता दिया गया था।
(घ) ड्राइवर द्वारा जोर से ब्रेक मारे गए।
(ङ) नेताजी द्वारा देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया गया।
(च) हालदार साहब द्वारा चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया गया।

प्रश्न 14.
नीचे लिखे वाक्यों को भाववाच्य में बदलिए जैसे-अब चलते हैं। -अब चला जाए।
(क) माँ बैठ नहीं सकती।
(ख) मैं देख नहीं सकती।
(ग) चलो, अब सोते हैं।
(घ) माँ रो भी नहीं सकती।
उत्तर:
(क) माँ से बैठा नहीं जाता।
( ख ) मुझसे देखा नहीं जाता।
(ग) चलो, अब सोया जाए।
(घ) माँ से रोया नहीं जाता।

 

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