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शुक्ल में प्रेमाख्यान परम्परा का पहला ग्रन्थ माना है |
जन्म=1493 में
चिश्ती वंश के शेखबुरहान के शिष्य थे |
जौनपुर के बादशाह हुसैन शाह के आश्रित कवि थे |
रचना=मृगावती 1503
नायक= एक राजकुमार (चंद्रपुर के) (पिता=राजा गणपति देव)
नायिका= एक राजकुमारी मृगावती (कंचनपूरी की) (पिता=राजा रूपमुरारी)
प्रथम दर्शन में नायिका से प्रेम , उसे पाने के लिए योगी के वेश में घर से निकलकर, रस्ते में एक अन्य सुन्दरी को राक्षस से बचकर शादी करते हुए मृगावती प्राप्त करता है |
अन्य अपभ्रंश काव्यों की भांति नायक की मृत्यु और नायिकाएँ सती हो जाती हैं |