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- जीवनकाल= 1400-1470 ई० के बीच माना जाता है |
- इनका जन्म काशी में हुआ | राघवानंद से दीक्षा ली |
- इनके बारह शिष्यों का उल्लेख भक्तमाल में हुआ है जिनमें प्रमुख- कबीर, रैदास, धन्ना, पीपा आदि |
- इन्होने रामावत सम्प्रदाय का प्रवर्तन किया |
- ये संस्कृत के भी प्रकांड पंडित थे | प्रसिद्ध ग्रन्थ=वैष्णव मताब्ज भास्कर और श्रीरामार्चन पद्धति, योगचिन्तामणि , रामरक्षास्त्रोत, आनन्दभाष्य
- ये रामानुजाचार्य के मतावलंबी थे और उनकी 14वीं पीढ़ी के थे |
- इन्होने उदारतापूर्वक भक्तिमार्ग को सर्वजन के लिए सुलभ बना दिया |
- एक उत्साही विरक्त दल का संघटन किया जो अयोध्या, चित्रकूट में वैरागी के नाम से जाना जाता है |
- ये वर्णाश्रम के विरोधी नहीं थे |
- प्रसिद्ध हनुमान आरती के रचयिता= आरती कीजै हनुमान लला की |दुष्ट दालान रघुनाथ कला की ||
- गुरु ग्रन्थ साहिब में भी इनके दो पद संकलित हैं |
- हजारी प्रसाद द्विवेदी ने इन्हें = “आकाश धर्मा गुरु” कहा है |
- रामावत सम्प्रदाय की गददी कृष्णदास पयहारी ने राजस्थान के गलताजी में है जिसे उत्तर तोताद्रि कहा जाता है |