वन वन में अर्थात हर वनों में वृक्ष निवास करते हैं।
वृक्ष वन वन अर्थात् वनों को रचते हैं।
शाखाओं रूपी झूले पर बैठे हुए पक्षियों के द्वारा 
ही वृक्ष कुछ कूजते हैं।
साधु लोगों की तरह ही 
सभी पेड़ निरंतर पवन और जल को पीते हैं।
वृक्ष पैरों से पाताल को स्पर्श करते हैं।
और नभ को सिर पर धारण करते हैं।
वृक्ष कौतुक से अर्थात जिज्ञासा से 
पानी रूपी दर्पण में अपने प्रतिबिंब को देखते हैं।
वृक्ष अपनी छाया रूपी बिस्तरे को फैलाकर
लोगों का सत्कार करते हैं। 
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