नौकर

प्रश्न 1.आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गांधी जी ने कौन सा काम करवाया और क्यों?
उत्तर-आश्रम में गांधी जी ने कॉलेज के छात्रों से गेहूँ बीनने का काम करवाया। उन छात्रों को अंग्रेजी भाषा के ज्ञान पर बड़ा गर्व था। गांधी जी उनके इस अहंकार को तोड़ना चाहते थे। वे यह शिक्षा देना चाहते थे कि अधिक पढ़ लेने पर भी हमें छोटे कार्य में संकोच नहीं करना चाहिए।

प्रश्न 2.‘आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं।’ पाठ से तीन ऐसे प्रसंगों को अपने शब्दों में लिखो जो इस बात का प्रमाण हों।
उत्तर-आश्रम में गांधी जी कई ऐसे कार्य करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। ये कार्य हैं-

  • गांधी जी आश्रम में अपने हाथ से चक्की से आटा पीसा करते थे। इतना ही नहीं कभी-कभी वह चक्की ठीक करने के लिए घंटों मेहनत करते थे।
  • वे बरतनों की सफ़ाई अपने हाथों से किया करते थे। वे बरतनों को रगड़-रगड़ कर चमकाते थे।
  • वे रसोइघर में सब्जियों को धोने, छीलने, काटने का कार्य स्वयं करते थे। गांधी जी रसोईघर के सफ़ाई का पूरा ध्यान रखते थे।

प्रश्न 3.लंदन में भोज पर बुलाए जाने पर गांधी जी ने क्या किया?
उत्तर-जब लंदन में गांधी जी को वहाँ के छात्रों ने भोज पर बुलाया तो गांधी जी समय से पहले पहुँचकर तश्तरियाँ धोने, सब्जी साफ़ करने तथा अन्य छोटे-मोटे काम करने में सहायता करने लगे।

प्रश्न 4.गांधी जी ने श्रीमती पोलक के बच्चे को दूध कैसे छुड़वाया?
उत्तर-श्रीमती पोलक का बच्चा रात को दूध पीने के लिए अपनी माँ को सारी रात जगाए रखता था। इससे वे काफ़ी कमज़ोर हो गई थीं। गांधी जी ने बच्चे की देखभाल का काम अपने हाथों में ले लिया। रात को देर रात को घर देर से पहुँचने पर भी श्रीमती पोलक के बिस्तर से बच्चे को उठाकर अपने बिस्तर पर लिटा देते थे। उसे पानी पिलाने के लिए एक बरतन में। पानी भरकर भी रख लेते थे। बच्चे को पंद्रह दिन तक उन्होंने अपने साथ बिस्तर पर सुलाया। अपनी माँ से पंद्रह दिन तक अलग सोने पर बच्चे ने माँ का दूध छोड़ दिया।

प्रश्न 5.आश्रम में काम करने या करवाने का कौन सा तरीका गांधी जी अपनाते थे? इसे पाठ पढ़कर लिखो।
उत्तर-आश्रम में गांधी जी स्वयं काम करते थे तथा दूसरों से काम करवाने में सख्ती बरतते थे, पर वे अपना काम किसी और से करवाना पसंद नहीं करते थे। वे किसी के पूछने पर उसे तुरंत कामे बता देते थे। गांधी जी को स्वयं काम करते देखकर कोई भी मना नहीं कर पाता था। वे काम करने वालों को कभी नौकर नहीं समझते थे, वरन उन्हें भाई या बहन मानते थे। इससे काम न करने की सोचने वाला भी काम करने को प्रेरित हो जाता था।

भाषा की बात

प्रश्न 1.(क) “पिसाई’ संज्ञा है। पीसना शब्द से ‘ना’ निकाल देने पर ‘पीस’ धातु रह जाती है। पीस धातु से ‘आई’ प्रत्यय जोड़ने पर ‘पिसाई’ शब्द बनता है। किसी-किसी क्रिया में प्रत्यय जोड़कर उसे संज्ञा बनाने के बाद उसके रूप में बदलाव आ जाता है; जैस-ढोना से ढुलाई, बोना से बुआई।मूल शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाने वाले शब्दांश को प्रत्यय कहते हैं।
नीचे कुछ संज्ञाएँ दी गई हैं। बताओ ये किन क्रियाओं से बनी हैं?

  • रोपाई ………..
  • कटाई ………..
  • सिंचाई ……….
  • सिलाई ………..
  • कताई ……….
  • रँगाई ………

उत्तर

  • रोपाई – रोपना
  • कटाई – काटना
  • सिंचाई – सींचना
  • सिलाई – सिलना
  • कताई – कातना
  • रँगाई – रँगना

(ख) हर काम-धंधे के क्षेत्र की अपनी कुछ अलग भाषा और शब्द-भंडार भी होते हैं। ऊपर लिखे शब्दों का संबंध दो अलग-अलग कामों से है। पहचानो कि दिए गए शब्दों के संबंध किन-किन कामों से है?
उत्तर-
रोपाई, सिंचाई, कटाई कृषि क्षेत्र के काम हैं।
कताई, सिलाई, रंगाई वस्त्र निर्माण क्षेत्र के काम हैं।

प्रश्न 2.(क) तुमने कपड़ों को सिलते हुए देखा होगा। नीचे इस काम से जुड़े हुए कुछ शब्द दिए गए हैं। आसपास के बड़ों से या दरजी से इन शब्दों के बारे में पूछो और इन शब्दों को कुछ वाक्यों में समझाओ।

  • तुरपाई
  • बखिया
  • कच्ची सिलाई
  • चोर सिलाई

(ख) नीचे लिखे गए शब्द पाठ से लिए गए हैं। इन्हें पाठ में खोजकर बताओ कि ये स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग।

  • कालिख
  • भराई
  • चक्की
  • रोशनी
  • सेवा
  • पतीला

उत्तर

  • तुरपाई – हाथ से सिलाई करने को तुरपाई कहते हैं।
  • बखिया – मशीन से जो सिलाई की जाती है उसे बखिया कहते हैं।
  • कच्ची सिलाई – वह सिलाई जो पक्की सिलाई करने के बाद हटा दी जाए।
  • चोर सिलाई – जो बाहर से दिखाई न दे।

(ख) कालिख, भराई, सेवा, चक्की, रोशनी स्त्रीलिंग है, जबकि पतीला-पुल्लिंग शब्द है।

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