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- जन्म-मृत्यु= 1135-1215
- महाराष्ट्र के नामदेव (13वीं सदी) हैं जो बिठोवा के भक्त थे |
- इनके गुरु का नाम विसोवा खेचर था
- यह पहले सगुण उपासक थे लेकिन बाद में नाथपंथ के सम्पर्क के कारण निर्गुण उपासक बन गए |
- इसकी दोनों तरह की रचनाएँ मिलती हैं |
- यह बारकारी सम्प्रदाय से सम्बन्ध रखते थे |
- महाराष्ट्र में दो सम्प्रदाय=महानुभाव और बारकारी
- महानुभाव के प्रवर्तक-चक्रधर / बारकारी के प्रवर्तक-संत पुंडलिक
- *वैसे महाराष्ट्र के संत परंपरा के आदि कवि मुकुंद राज को माना जाता है |*
- इनके सगुण पद ब्रज भाषा में और निर्गुण पद नाथपंथियों की खड़ी बोली या साधुक्कड़ी में हैं |