चुनाव से ठीक पहले सरकार की एक बात समझ नहीं आई
अध्यापकों के लिए मध्य सत्र में ही तबादला नीति चलवाई l
सरकार का ये मानना है कि हमने पूर्ण पारदर्शिता अपनाई,
फिर सिफारिश से प्रतिनियुक्ति कर के बड़ी जल्दी दिखाई l
महिला-पुरुष में ये दस अंकों का भारी अंतर कैसे होगा पार
इस तबादला नीति ने पुरुष शिक्षकों का छुड़ा दिया घरबार l
छह घंटे तो सफर में लगते फिर पूर्ण करवाना है पाठ्यक्रम,
बड़ा जटिल हो गया है जीवन, कहीं किसी को हो कोई भ्रम ||
कुछ शिक्षक कर रहे थे हसला- सलाह से थोड़ी बहुत आस,
उनकी सभा में पदाधिकारी ही आकर करते थे झूठा प्रयास
इस दोहरी नीति ने शिक्षकों को करा दिया है पूरा अहसास,
यहाँ कोई नहीं सुनने वाला इसीलिए, खुद पर रखें विश्वास l
प्रवीण कुमार हिंदी प्राध्यापक रा०आ० सं०व०मा० विद्यालय, शहजादपुर (अंबाला )हरियाणा l