दामोदर शर्मा द्वारा रचित यह रचना 12 वीं शताब्दी की है| यह एक प्रमुख व्याकरण ग्रन्थ हैं | इसमें बनारस और इसके आस-पास के क्षेत्र की तत्कालीन संस्कृति तथा भाषा का वन्न किया गया है| इसके भाषा अध्ययन से तत्कालीन गद्य-पद्य दोनों शैलियों की हिंदी भाषा में तत्सम पदावली के प्रयोग की प्रवृति का ज्ञान होता है|हिंदी भाषा के एतिहासिक अध्ययन में यह एक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है |