• दक्षिण भारत के वैष्णवों को आलवार कहा जाता है |इनका सम्बन्ध केरल से है |
  • इन्होने कृष्ण और राम दोनों की आराधना की |
  • सर्वाधिक लोकप्रिय शठकोप थे |
  • ये रामभक्ति के प्रथम कवि माने जाते हैं |
  • शठकोप की प्रमुख रचनाएँ=तिरुवायमोलि , तिरुविरुतम और सहस्त्रगीति आदि |
  • आलवारों ने आस्तिकता के लिए क्रान्ति की थी |
  • इनका उद्देश्य भक्तिभाव को जगाना था |
  • इन्होने वेद, पुराण उपनिषद आदि को लेकर तमिल भाषा में पदशैली में गीत लिखे |
  • आलवार संतों की संख्या 12 है-पोरगे आलवार, भूक्ताल्वार,मयालवार आदि | इनमें से अधिकतर के नाम के पीछे वार लगा हुआ है
  • रंगनाथ मुनि/ रघुनाथाचार्य ने 4000 पदों का संकलन “दिव्य प्रबन्धम” नामक ग्रन्थ में किया गया है |
  • एकमात्र प्रसिद्ध महिला संत= आंदाल (गोदा) थी जिन्हें दक्षिण की मीरा भी कहा जाता है |
  • शैवों को नयनार कहा जाता है|
  • इनकी संख्या 63 बताई जाती है|
  • इनकी भाषा तमिल थी
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