प्र०1 सर्वान् श्लोकान् सस्वरं गायत।
उत्तर- विद्यार्थी इन श्लोकों को स्वयं गाएँ।
प्र० 2 उपयुक्तथनानां समक्षम् ‘आम्’ अनुपयुक्तकथनानां समक्षं ‘न’ इति लिखत
(क) प्रातः काले ईश्वरं स्मरेत्। | |
(ख) अनृतं ब्रूयात। | |
(ग) मनसा श्रेष्ठजनं सेवेत। | |
(घ) मित्रेण कलहं कृत्वा जनः सुखी भवति। | |
(ङ) श्वः कार्यम् अद्य कुर्वीत। |
उत्तर-
(क) प्रातः काले ईश्वरं स्मरेत्। | आम् |
(ख) अनृतं ब्रूयात। | न |
(ग) मनसा श्रेष्ठजनं सेवेत। | आम् |
(घ) मित्रेण कलहं कृत्वा जनः सुखी भवति। | न |
(ङ) श्वः कार्यम् अद्य कुर्वीत। | आम् |
प्र० 3 एकपदेन उत्तरत-
(क) कः न प्रतीक्षते?
(ख) सत्यता कदा व्यवहारे स्यात्?
(ग) किं ब्रूयात्?
(घ) केन सह कलहं कृत्वा नरः सुखी न भवेत्?
(ङ) क: महारिपु: अस्माक शरीरे तिष्ठति?
उत्तर-
(क) मृत्युः
(ख) सर्वदा
(ग) सत्यम्/ प्रियम्
(घ) मित्रेण
(ङ) आलस्यम्
प्र० 4 रेखाङ्गितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-
(क) मृत्युः न प्रतीक्षते।
(ख) कलहं कृत्वा नरः दुःखी भवति।
(ग) पितरं कर्मणा सेवेत।
(घ) व्यवहारे मृदुता श्रेयसी।
(ङ) सर्वदा व्यवहारे ऋजुता विधेया।
उत्तर-
(क) कः न प्रतीक्षते?
(ख) किं कृत्वा नरः दुःखी भवति?
(ग) कम् कर्मणा सेवेत?
(घ) व्यवहारे का श्रेयसी?
(ङ) कदा व्यवहारे ऋजुता विधेया?
प्र० 5 प्रश्नमध्ये त्रीणि क्रियापदानि सन्ति। तानि प्रयुज्य सार्थ-वाक्यानि रचयत।
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(क) ………………………………….। | (ख) ………………………………….। |
(ग) ………………………………….। | (घ) ………………………………….। |
(ङ) ………………………………….। | (च) ………………………………….। |
(छ) ………………………………….। | (ज) ………………………………….। |
उत्तर-
(क) | अनृतं प्रियं च न ब्रूयात्। | (ख) | व्यवहारे सर्वदा औदार्यं स्यात्। |
(ग) | श्रेष्ठजनं कर्मणा सेवेत्। | (घ) | व्यवहारे कदाचन कौटिल्यं न स्यात्। |
(ङ) | सत्यमं अप्रियं च न ब्रूयात्। | (च) | वाचा गुरुं सेवेत्। |
(छ) | सत्यं प्रियं च ब्रूयात्। | (ज) | मनसा मातरं पितरं च सेवेत्। |
प्र० 6 मञ्जूषातः अव्ययपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
तथा | न | कदाचन | सदा | च | अपि |
(क) भक्तः ……………………. ईश्वरं स्मरति।
(ख) असत्यं ……………………. वक्तव्यम्।
(ग) प्रियं ………………… सत्यं वदेत्।
(घ) लता मेधा ……………………….. विद्यालयं गच्छतः।
(ङ) ……………………….. कुशाली भवान्?
(च) महात्मागान्धी …………………. अहिंसां न अत्यजत्।
उत्तर-
(क) भक्तः सदा ईश्वरं स्मरति।
(ख) असत्यं न वक्तव्यम्।
(ग) प्रियं तथा सत्यं वदेत्।
(घ) लता मेधा च विद्यालयं गच्छतः।
(ङ) अपि कुशाली भवान्?
(च) महात्मागान्धी कदाचन अहिंसां न अत्यजत्।
प्र० 7 चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषातः पदानि च प्रयुज्य वाक्यानि रचयत–.png)
लिखति | कक्षायाम् | श्यामपट्टे | लिखन्ति | सः | पुस्तिकायाम् |
शिक्षकः | छात्राः | उत्तराणि | प्रश्नम् | ते |
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उत्तर-
(क) स: शिक्षक: कक्षायाम् श्यामपट्टे प्रश्नम् लिखति।
(ख) ते छात्रा: पुस्तिकायाम् उत्तराणि लिखन्ति।
(ग) शिक्षक: ‘बालक:’ पदम् लिखित।
(घ) केयन् छात्रा: श्यायपट्टम् पश्यन्ति।
(ङ) तत्र एकं पुस्तकम् मंचे अस्ति।